Supreme Court Justice Surya Kant: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने एक वकील की क्लास लगा दी। जस्टिस कांत ने कहा कि वह किसी मामले को उसी दिन तत्काल सुनवाई के लिए तब तक सूचीबद्ध नहीं करेंगे या आदेश नहीं देंगे, जब तक कि किसी की फांसी न होने वाली हो। उन्होंने पूछा कि क्या कोई जजों की दिक्कत, उनके काम के घंटों और उनकी नींद की कमी को समझता है।
सुबह की मेंशनिंग सेशन के दौरान एक वकील ने अपने मुवक्किल के मकान की उसी दिन नीलामी होने का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जब तक किसी को फांसी न होने वाली हो, मैं कभी भी किसी मामले को उसी दिन सूचीबद्ध नहीं करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि आप लोग जजों की हालत नहीं समझते। क्या आपको पता है हम कितने घंटे सोते हैं? जब तक किसी की आजादी दांव पर न हो, उसी दिन सुनवाई की मांग न करें।
जस्टिस कांत उस पीठ का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह भी शामिल थे, जो तत्काल सुनवाई के लिए मामलों की सुनवाई कर रही थी। रोस्टर के मास्टर के रूप में, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई आमतौर पर ऐसे उल्लेखों की सुनवाई करते हैं। हालांकि, वे पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ में बैठते हैं। प्रथा के अनुसार, यदि मुख्य न्यायाधीश किसी संवैधानिक पीठ के मामले में व्यस्त हों या अस्वस्थ हों, तो दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश मामलों के उल्लेखों की सुनवाई करते हैं।
क्या था मामला
जस्टिस सूर्यकात कांत की यह टिप्पणी उस समय आई जब अधिवक्ता शोभा गुप्ता ने उल्लेख किया कि राजस्थान में एक आवासीय मकान की आज नीलामी होगी और इसलिए उसे आज ही सूचीबद्ध किया जाएगा।
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इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि जब तक किसी को फांसी नहीं होने वाली हो, मैं किसी भी मामले को उसी दिन सूचीबद्ध नहीं करूंगा। आप लोग न्यायाधीशों की हालत नहीं समझते, क्या आपको पता भी है कि जज कितने घंटे काम करते हैं और कितने घंटे सोते हैं? जब तक किसी की स्वतंत्रता दांव पर न हो, हम उसे उसी दिन सूचीबद्ध नहीं करेंगे।
जब अधिवक्ता गुप्ता ने ज़ोर देकर पूछा, तो जस्चिस कांत ने पूछा कि नीलामी नोटिस कब जारी किया गया था। उन्होंने जवाब दिया कि नीलामी नोटिस पिछले हफ़्ते जारी किया गया था और बकाया राशि के रूप में एक निश्चित राशि का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। जस्टिस कांत ने अधिवक्ता गुप्ता से कहा कि अगले कुछ महीनों तक मामले की सुनवाई की उम्मीद न करें। हालांकि, बाद में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
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