केंद्र ने चेताया है कि कि एंटी-वायरल गोली मोलनुपिरावीर का “बड़े पैमाने पर और तर्कहीन उपयोग” किया जा रहा है। और इसके उपयोग पर प्रतिबंध के प्रयास किए जाने चाहिए, क्योंकि इसके दावे किए जा रहे फायदे से कहीं ज्यादा इससे ज्ञात और अज्ञात तरीके से नुकसान हो रहा है। सरकार ने कहा कि ओमाइक्रोन वृद्धि के मौजूदा स्तरों पर अस्पताल में भर्ती होने की दर कम हो सकती है, लेकिन कोविड -19 केस बड़े पैमाने पर फैल रहे हैं, और यह भी कहा कि पिछले सप्ताह में सिर्फ 78 जिलों की तुलना में केवल एक सप्ताह में, 300 जिलों में 5 प्रतिशत से अधिक सकारात्मकता दर दर्ज की गई है।

इस बीच पीएम मोदी बृहस्पतिवार 13 जनवरी को कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करेंगे। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री बृहस्पतिवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ साढ़े चार बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद करेंगे।

ज्ञात हो संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में राज्यों द्वारा तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने रविवार को देश में कोविड-19 महामारी के हालात, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति व्यवस्था की चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति, ओमीक्रोन के प्रसार और इसके जन स्वास्थ्य प्रभाव की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

उन्होंने इस दौरान जिला स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किए जाने और वयस्कों के लिए टीकाकरण मुहिम मिशन मोड पर तेज किए जाने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि राज्यों के हालात, तैयारियों और जन स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई जाएगी।

संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच देश में स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को टीकों की एहतियाती खुराक दिए जाने की मुहिम शुरू हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी अक्सर इस बात पर जोर देते रहे हैं कि टीकाकरण कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रभावी हथियार है। वर्ष 2020 में महामारी की शुरुआत होने के बाद से वह कई दफा मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकें कर स्थिति की समीक्षा कर चुके हैं।