विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने भारतीय विद्यार्थियों से शुक्रवार को अपील की, कि वे पाकिस्तान के किसी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश न लें। अन्यथा वे भारत में कोई नौकरी या उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पात्र नहीं रहेंगे। बता दें कि चीन के संस्थानों में भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने से बचने की चेतावनी देने के एक माह के भीतर ही यूजीसी और एआईसीटीई की ओर से संयुक्त रूप से यह आदेश जारी किया गया है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक यूजीसी और एआईसीटीई द्वारा जारी किए गए संयुक्त आदेश में कहा गया कि, “सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान न जाएं। पाकिस्तान के किसी कॉलेज या शिक्षण संस्थान में कोई भी भारतीय नागरिक या भारतीय मूल का विदेश नागरिक (ओआईसी) प्रवेश लेना चाहता है तो वह पाकिस्तानी प्रमाण-पत्र के आधार पर भारत में नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए पात्र नहीं रह जाएगा।’’
हालांकि इस आदेश में प्रवासी नागरिकों को राहत दी गई है। आदेश में कहा गया है कि, “प्रवासी नागरिक और उनके बच्चे जिन्होंने पाकिस्तान में शिक्षा पाई है तथा भारत द्वारा उन्हें नागरिकता मिली हुई है, वे भारत में रोजगार हासिल करने के लिए पात्र होंगे। बशर्ते गृह मंत्रालय की ओर से उन्हें सुरक्षा मंजूरी मिल जाए।’’ ऐसा आदेश जारी करने के पीछे के कारणों के बारे में संबंधित अधिकारियों से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
वहीं मार्च महीने के आखिरी हफ्ते में यूजीसी ने चीन में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी के मुताबिक यूजीसी ने कहा था कि, “कई छात्र कोविड पाबंदियों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए चीन नहीं जा सके हैं। चूंकि चीनी संस्थानों ने ऑनलाइन मोड में पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराए जाने की बात कही है लेकिन इसे लेकर भी सतर्क रहने की जरूरत है। नियमों के अनुसार यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) बिना पूर्व स्वीकृति के केवल ऑनलाइन मोड में किए गए ऐसे पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं देते हैं।”
बता दें कि चीन ने कोरोना के कारण 2020 से ही सभी वीजा को निलंबित कर दिया है और ऑनलाइन पढ़ाई के सम्बंध में दिशानिर्देश जारी किया है। लेकिन यूजीसी और एआईसीटीई बिना स्वीकृति ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं देते।