डीएमके सांसद कनिमोझी ने आयुष मंत्रालय के सचिव पर हिंदी भाषा थोपने का आरोप लगाया है। उन्होंने सचिव को बर्खास्त करने की भी मांग की है। दरअसल, उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने एक वेबिनार के दौरान जिन लोगों को हिंदी नहीं आती है उन्हें वेबिनार छोड़कर जाने के लिए कह दिया था।

कोटेचा के इसी बयान को लेकर कनिमोझी ने निंदा की है और कैबिनेट मंत्री श्रीपद नायक को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कनिमोझी ने कहा कि कोटेचा का बयान हिंदी थोपने जैसा है और यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सचिव राजेश कोटेचा को बर्खास्त किया जाना चाहिए। गैर हिंदी बोलने वालों को यह रवैया कब तक बर्दाश्त करना होगा?

क्या है मामला: दरअसल, 18 से 20 अगस्त के बीच आयुष और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने योग के मास्टर ट्रेनर्स के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें तमिलनाडु के करीब 33 सरकारी डॉक्टरों  भी शामिल हुए थे। कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिभागी पहुंचे थे।

एक डॉक्टर ने बताया कि आयुष सचिव ने अपने भाषण के दौरान कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि आयोजन के दौरान भाषा को लेकर लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मुझे अंग्रेजी नहीं आती है ऐसे में मैं अपनी बात हिंदी में ही रखूंगा जिन लोगों को हिंदी नहीं आती है वो लोग जा सकते हैं। मैं अपनी बात हिंदी में ही रखूंगा।