भारत के प्रमुख उत्सव दीपावली को बुधवार को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची (UNESCO Intangible Heritage List) में शामिल किया गया। दिल्ली में लाल किले पर आयोजित यूनेस्को की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। यूनेस्को के इस कदम पर पीएम मोदी ने भी ख़ुशी जताई है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “भारत और दुनिया भर के लोग रोमांचित हैं। हमारे लिए, दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में दीपावली के शामिल होने से इस त्यौहार की वैश्विक लोकप्रियता और भी बढ़ जाएगी। प्रभु श्री राम के आदर्श हमें अनंत काल तक मार्गदर्शन करते रहें।”

वहीं, इस बारे में केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दीपावली भारतीयों के लिए बेहद भावनात्मक त्योहार है, जिसे पीढ़ियों से मनाया जा रहा है। मंत्यूरी ने कहा, ” यूनेस्को का यह टैग भी एक जिम्मेदारी है, हमें सुनिश्चित करना होगा कि दीपावली हमेशा एक विरासत बनी रहे।” शेखावत ने आगे कहा कि यूनेस्को ने शांति और अच्छाई की जीत की शाश्वत मानवीय अभिलाषा का सम्मान किया।

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भारत की 15 चीजें वर्तमान में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल

यह पहली बार है कि भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) के संरक्षण के लिए अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है। इस समिति का 20वां सत्र लाल किले में 8 से 13 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। यूनेस्को द्वारा दीपावली उत्सव को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किए जाने की घोषणा के बाद ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे हवा में गूंज उठे। भारत की 15 चीजें वर्तमान में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल हैं, जिनमें कुंभ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रोच्चार की परंपरा और रामलीला – महाकाव्य ‘रामायण’ का पारंपरिक प्रदर्शन शामिल हैं।

(इनपुट- भाषा)