चंद्रपुर जिले के 14 विवादित सीमावर्ती गांवों को महाराष्ट्र में शामिल किया जाएगा। महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा पर बसे 14 गांवों का कई सालों से पेंडिंग यह मामला अब सुलझने की कगार पर है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तेलंगाना के 14 गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने के प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं। तेलंगाना के राजुरा और जिवती तालुका के 14 गांव चंद्रपुर जिले में शामिल किए जा सकेंगे.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिवती तहसील के 14 विवादित गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने का निर्देश दिया है। इस पर जल्द ही अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। इस कदम से इन सीमावर्ती गांवों का लंबे समय से पेंडिंग मुद्दा सुलझने की संभावना है।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को विधान भवन में आयोजित एक बैठक के दौरान इन निर्णयों की घोषणा की। बैठक में विधायक देवराज भोंगले, जिवती तालुका के 14 गांवों के निवासी, चंद्रपुर जिला कलेक्टर विनय गौड़ा सहित अन्य लोग शामिल हुए।
इस मुद्दे पर क्या बोले संजय राउत
वहीं, दूसरी ओर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने इस मुद्दे पर कहा, “कर्नाटक के 672 गांवों के 22 लाख लोग महाराष्ट्र आने के लिए उत्सुक हैं। वहां के लोगों पर और स्कूलों में कन्नड़ भाषा थोपी जा रही है। कन्नड़ भाषा के कारण मराठी लोगों पर अत्याचार हो रहे है इसलिए जिस तरह इन 14 गांवों के संबंध में फैसला लिया गया, उसी तरह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा क्षेत्र के 672 गांवों को भी महाराष्ट्र में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए।”
अब स्कूलों में गीता का श्लोक पढ़ना अनिवार्य, उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला
महाराष्ट्र सरकार ने दिए ये निर्देश
बावनकुले ने जिला कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में वर्ग 2 की भूमि को वर्ग 1 में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश जारी किए। गौरतलब है कि राजुरा शहर में सर्वे संख्या 1 से 8 तक की वर्ग 2 की भूमि को बिना किसी लागत के वर्ग 1 में परिवर्तित करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिससे भूस्वामियों को काफी आर्थिक राहत मिली।
वन भूमि के लिए पट्टे (भूमि स्वामित्व) प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की गई, जिससे वर्षों से इन भूमि पर निर्भर परिवारों के कानूनी अधिकार सुनिश्चित होंगे, तथा स्थानीय निवासियों की महत्वपूर्ण चिंता का समाधान होगा। संजय गांधी योजना के अंतर्गत सात पदों की स्वीकृति के बावजूद, भर्ती प्रक्रिया पेंडिंग थी। बावनकुले ने भर्ती को तत्काल मंजूरी देने के आदेश जारी किए, जिससे योजना के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
बैठक में जिवती तहसील में कोतवाल के रिक्त पदों के कारण उत्पन्न प्रशासनिक चुनौतियों का भी मुद्दा उठाया गया, जिस पर मंत्री महोदय ने तत्काल उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। इससे क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स