ज्ञानवापी मस्जिद, ताजमहल और कुतुबमीनार पर छिड़े विवाद के बीच अब राम भक्त हनुमान के जन्मस्थान पर भी विवाद छिड़ गया है। भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर विवाद अब पुलिस स्टेशन पहुंच गया है। जहां नासिक के अंजनेरी गांव के लोगों ने महंत गोविंद दास की रथ यात्रा को रोकने के लिए कहा है। दरअसल, महंत का दावा है कि भगवान हनुमान का जन्मस्थान कर्नाटक के किष्किंधा में था।
भगवान हनुमान का जन्म किष्किंधा में: किष्किंधा के महंत गोविंद दास ने वाल्मीकि रामायण का हवाला देते हुए दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म नासिक के अंजनेरी में नहीं, बल्कि कर्नाटक के किष्किंधा में हुआ था। अपने इस दावे के पक्ष में उन्होंने शास्त्रों का हवाला दिया। महंत ने इस मुद्दे पर बहस करने की खुली चुनौती दी है। जिसके बाद इस विवाद को लेकर 31 मई को धर्म संसद बुलाई गई है।
31 मई को नासिक में धर्म संसद: इस दावे के साथ महंत गोविंद दास सोमवार को त्रयंबकेश्वर पहुंचे जहां हनुमान जन्मभूमि पर नासिक के संतों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने नासिक के संतों से अपील की है कि वे शास्त्रों के आधार पर सिद्ध करें कि भगवान हनुमान की जन्मभूमि अंजनेरी है। महंत ने कहा कि जन्म स्थान हमेशा एक ही रहता है और रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहीं नहीं लिखा है कि हनुमान जी का जन्म नासिक के अंजनेरी गांव में हुआ था।
हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर उठे विवाद को देखते हुए नासिक के महंतों ने 31 मई को धर्म संसद बुलाई है। इस विवाद को सुलझाने के लिए श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर के महंत स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने नासिक में धर्म संसद बुलाई है। स्वामी अनिकेत ने कहा कि धर्म संसद में देश भर के संत भगवान हनुमान के जन्मस्थान के बारे में अपने विचार रखेंगे। इसके बाद जो भी फैसला होगा, उसे सबको मानना होगा। वहीं, दूसरी ओर इस धर्म संसद के मद्देनजर नासिक पुलिस ने आयोजकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है।
भगवान हनुमान के जन्मस्थान से जुड़े दावे: इससे पहले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने दावा किया था कि भगवान हनुमान का जन्मस्थान अंजनाद्री में हुआ था। वहीं, कुछ पौराणिक कथाओं के मुताबिक बजरंगबली का जन्म झारखंड के गुमला जिले के पास अंजन गांव की एक गुफा में हुआ था। वहीं कुछ लोग भगवान हनुमान का जन्मस्थान नासिक के पास अंजनेरी पहाड़ियों को बताते हैं।