यहां भारत-नेपाल सीमा पर आंदोलनकारी नेताओं की अनिश्चितकालीन धरने के दौरान सीमा पर तनाव बढ़ गया है। आंदोलनकारियों व नेपाली पुलिस के बीच अचानक जमकर पत्थरबाजी शुरू हो गई। नेपाल पुलिस द्वारा चलाई गई रबर की गोलियों और आंसू गैस से भगदड़ मच गई। यही नहीं पेट्रोल बम भी फेंके गए। इस संघर्ष से आधा दर्जन से अधिक मधेशी नेता घायल हो गए। इसमें चार की हालत गंभीर है। पथराव में एक दर्जन नेपाली पुलिस कर्मियों को भी चोट आई है। सूचना मिलते ही एसएसबी कमांडेंट सहित भारी पुलिस बल सीमा पर पहुंच मोर्चा संभाला। दोनों देशों में वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप है।

सोमवार को रूपईडीहा स्थित भारत-नेपाल सीमा पर धरने पर बैठे मधेशी आंदोलनकारियों और नेपाल पुलिस में जम कर पत्थरबाजी हुई। मधेशी नेताओं का आरोप है कि सोमवार की शाम लगभग 7 बजे कुछ नेपाली पुलिस जबरन उनके द्वारा लगाए गए टेंट आदि को उखाड़ना शुरू कर दिया। यही नहीं नेपाल में घुसे भारतीय वाहनों को जबरन भारत में भेजा जाने लगा। इसका विरोध करने पर दोनों पक्षों के बीच टकराव शुरू हो गया। नेपाल पुलिस के जवानों ने मधेशियों पर लाठी चार्ज कर दिया। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में मधेशियों ने नेपाली पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। एक घंटे तक पथराव व पेट्रोल बम चलते रहे। हालात बिगड़ते देख नेपाल पुलिस ने मधेशी आंदोलनकारियों पर रबर की गोलियां चलानी शुरू कर दी। इसमें मधेशी नेता राजेश वर्मा, जिब्राइल, मीना क्षत्री, जैसपुर के मौला अली व राजेंद्र वर्मा सहित आधा दर्जन से अधिक नेता घायल हो गए। जिनका उपचार स्थानीय स्तर पर कराया जा रहा है।

सूचना पाकर एसएसबी सातवीं वाहिनी के कमांडेट दिनेश कुमार, नानपारा क्षेत्राधिकारी सीओ भरत यादव भारी पुलिस बल के साथ सीमा पर मौके से पहुंचे सीओ ने लाउड हेलर से एनाउंस कर मधेशियों से धरना समाप्त करने की अपील की। उन्होंने इस बात का भी दावा किया कि धरना खत्म होने के बाद भी दोनों देशो के बीच वाहनो को आने-जाने नहीं दिया जाएगा। इस कारण एसएसबी देर रात सीमा पूर्ण रूप से खाली कराने में सफल रही। पुलिस अधिक्षक सालिकराम वर्मा ने बताया कि सुरक्षा के नजरिए से नेपाल सीमा सील करने के निर्देश दिए गए हैं।