डॉक्टर नितिन दलित इकॉनमिस्ट हैं और महानगरों में ‘घर देने में भेदभाव’ से जुड़े विषय पर कई शोध कर चुके हैं। लेकिन इन दिनों वह अपने कार्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि दलित होने की वजह से खुद होने बार-बार घर बदलना पड़ रहा है। वह जब भी मकान मालिक को अपनी जाति बताते हैं, वह उन्हें घर खाली करने के लिए कह देता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ दलित स्टडीज (IIDS) में एसोसिएट फेलो नितिन फिलहाल दक्षिण दिल्ली में एक किराए के घर में रहते हैं और उन्हें 15 दिन के भीतर घर खाली करना है।
डॉक्टर नितिन ने अक्टूबर में ही किया था। लेकिन अब मकान मालिक ने उनसे कह दिया है कि उन्हें घर में रेनोवेशन कराना है, इसलिए उन्हें यहां से जाना पड़ेगा, जबकि हकीकत यह है कि उन्हें घर इसलिए छोड़ने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि डॉक्टर नितिन की पत्नी ने मकान मालिक को अपनी जाति बता दी थी। 40 वर्षीय डॉक्टर नितिन ने अपना सरनेम न छापने की गुजारिश करते हुए बताया कि मकान मालिक ने उनकी पत्नी जाति पूछी थी। इस पर उन्होंने कहा- बुद्धिस्ट। जब और आगे पूछताछ की उन्होंने बता दिया कि वे शिड्यूल कास्ट हैं।
मूलरूप से महाराष्ट्र के भंडारा के रहने वाले डॉक्टर नितिन ने बताया कि बेंगलुरु से PhD की है। इसके बाद उन्होंने IIDS ज्वाइन किया और शादी के बाद दिल्ली आ गए। डॉक्टर नितिन कहते हैं, अब तो उन्हें इस भेदभाव की आदत सी हो गई। उन्होंने बताया, ‘पहली बार जब मैं अपने अपर-कास्ट सहयोगी के साथ मकान मालिक के यहां गया तो उन्होंने मुझसे पांच बार कहा- उन्हें अच्छे लोग चाहिए। उनकी बात सुनकर लगा कि इस पैमाने पर तो मैं खरा हूं, क्योंकि मैं शराब नहीं पीता। शोर-शराबा नहीं करता, पढ़-लिखा, रिसर्चर हूं। लेकिन मेरी पत्नी को उस वक्त मकान मालकिन से सवालों का सामना करना पड़ा, जब उसने उन्हें बताया कि हम बुद्धिस्ट हैं। फिर एक दिन मेरी पत्नी ने बताया कि हम शिड्यूल कास्ट हैं और हमें घर छोड़ने के लिए कह दिया गया।’
डॉक्टर नितिन ने बताया कि मकान मालकिन ने उनसे कहा कि उनका भगवान उन्हें नीची जाति के लोगों को किराए पर घर देने की इजाजत नहीं देता। उन्होंने हमें घर देखने के लिए एक महीने का समय दिया था।
डॉक्टर नितिन ने बताया कि उनके साथ जो पिछली घटना हुई, वह और भी ज्यादा हैरान करने वाली है। उन्होंने बताया कि अब वह जाति को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए थे, लेकिन मकान मालिक ने दस्तावेज मांगे तो उसे पता चल गया कि वह IIDS के लिए काम करते हैं। इसके बाद उसने डॉक्टर नितिन से कहा कि उन्हें घर रेनोवेट कराना है, इसलिए उन्हें दूसरा मकान देखना पड़ेगा। डॉक्टर नितिन ने बताया कि जब भी उन्होंने बताया कि वह IIDS के लिए काम करते हैं तो उन्हें जवाब सुनने को मिलता- ‘क्या यही जगह मिला काम करने को।’