जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच रविवार सुबह एक मालगाड़ी बिना ड्राइवर के 70 किमी तक चली गई। इससे रेल विभाग में खलबली मच गई। इस घटना में हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इससे रेल सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बिना ड्राइवर की चली इस मालगाड़ी से कोई हार्न नहीं बजने से हादसा होने की आशंका थी। मालगाड़ी में डीजल इंजन लगा था।

घटना सुबह 7 बजकर 25 मिनट से नौ बजे के बीच हुई

बिना ड्राइवर की मालगाड़ी रविवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ से पंजाब के होशियारपुर जिले के एक गांव तक 70 किमी से अधिक की यात्रा की। घटना सुबह 7 बजकर 25 मिनट से नौ बजे के बीच हुई। विभाग ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। रेलवे पुलिस ने कहा कि ट्रेन के बारे में सूचना मिलने पर जालंधर-पठानकोट खंड पर सभी रेल-सड़क क्रॉसिंग बंद रहने के लिए अलर्ट कर दिए गये थे।

मालगाड़ी में चिप पत्थरों से भरीं 53 बोगियां थीं

रेलवे अफसरों के मुताबिक चिप पत्थरों से लदी 53 बोगी वाली मालगाड़ी जम्मू से पंजाब जा रही थी। उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने शुरुआती जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि ड्राइवर बदलने के लिए ट्रेन को जम्मू के कठुआ रेलवे स्टेशन पर रोका गया था। ऐसा लगता है कि यह जम्मू-जालंधर खंड पर ढलान वाली पटरी पर लुढ़कने लगी। इंजन में ‘लोको पायलट’ और ‘सहायक लोको पायलट’ सवार नहीं थे। उन्होंने बताया कि रास्ते में ट्रेन की गति बढ़ती गई और आखिरकार वह पंजाब के ऊंची बस्सी रेलवे स्टेशन के पास एक चढ़ाई पर रुक गई।

उन्होंने बताया कि ट्रेन 70 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद ऊंची बस्सी के पास चढ़ाई के कारण रुक गई। अधिकारियों ने बताया कि रेत की बोरियों की मदद से ट्रेन को सफलतापूर्वक रोक लिया गया।

जम्मू के संभागीय यातायात प्रबंधक प्रतीक श्रीवास्तव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि “घटना की वजह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि ट्रेन पंजाब की ओर जाते समय ढलान पर लुढ़कने लगी थी।”