उन्होंने कहा कि अगले 25 साल के लिए देश के ‘अमृत काल’ की यात्रा में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका है। इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन के बाद मोदी ने कहा, ‘सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं, लेकिन भारत की महान विरासत में आप (प्रवासी भारतीय) राष्ट्रदूत होते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले 25 साल के लिए ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है और इस यात्रा में प्रवासी भारतीयों का महत्त्वपूर्ण स्थान है।उन्होंने कहा, ‘अपने अद्वितीय नजरिए से दुनिया की व्यवस्था तय करने में भारत की अहम भूमिका आप लोगों (प्रवासी भारतीयों) से मजबूत होगी।’मोदी ने यह भी कहा कि जब दुनिया के अलग-अलग देशों में सबसे लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों के रूप में भारतवंशियों की चर्चा होती है, तो लोकतंत्र की जननी होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवीय मूल्यों, काम को लेकर जज्बे और जरूरी ईमानदारी से लैस युवाओं की बड़ी तादाद की बदौलत भारत में दुनिया का ज्ञान केंद्र, कौशल विकास की राजधानी और विकास का वैश्विक इंजन बनने का सामर्थ्य है। मोदी ने कहा,‘भारत जी20 अध्यक्षता की मौजूदा जिम्मेदारी को दुनिया को अपने बारे में बताने के बड़े अवसर के रूप में देख रहा है, जबकि यह दुनिया के लिए भारत के पुराने अनुभवों से सीखकर एक टिकाऊ भविष्य की दिशा तय करने का मौका है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें जी20 की मौजूदा अध्यक्षता को केवल राजनयिक प्रसंग नहीं, बल्कि जन भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है।’
प्रधानमंत्री ने बताया कि जी20 की करीब 200 बैठकों के दौरान इस समूह के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भारत के अलग-अलग शहरों में पहुंचेंगे। दुनिया के विभिन्न देश भारत के जन-जन के मन में ‘अतिथि देवो भव:’ की भावना का दर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘आज पूरी दुनिया भारत की ओर बड़ी रुचि और उत्सुकता से देख रही है कि देश क्या और कैसे कर रहा है? पिछले कुछ सालों में भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है और जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे असाधारण और अभूतपूर्व हैं।’
मोदी ने कहा कि दुनिया का 40 फीसद डिजिटल लेनझ्रदेन अकेले भारत में होता है और एक बार में 100 उपग्रह छोड़ने का कीर्तिमान बनाने वाले भारत को सबसे उन्नत अंतरिक्ष तकनीकी वाले देशों में गिना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक मंच पर आज भारत का बयान अलग ही मायने रखता है। उन्होंने कहा, ‘भारत की ताकत आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है जिससे विश्व समुदाय में देश के प्रति जिज्ञासा में भी इजाफा होगा। इसलिए प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।’
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे दुनिया में जहां भी रहेंगे, भारत सरकार वहां उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा उनके साथ रहेगी। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।