Dhurandhar Movie Ajit Doval: हाल में रिलीज हुई मल्टीस्टार फिल्म धुरंधर लोगों को खूब पसंद आ रही है। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म का कलेक्शन हर दिन नई सफलता हासिल कर रहा है। इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा भी खूब है। फिल्म में अजय सानयाल का किरदार निभा रहे अभिनेता आर माधवन फिल्म की शुरुआत में नजर आते हैं, जो कि 1999 के कंधार हाईजैक का सीन है।
अजेय सानयाल का किरदार हकीकत में एनएसए अजित डोभाल से प्रेरित लगता है। फिल्म दिखाया गया है कि हाईजैक प्लेन के अंदर जाकर जब बंधक भारतीयों के बीच सानयाल ‘भारत माता की जय के नारे’ लगाते हैं, तो उन्हें कोई बंधकों में से कोई साथ नहीं देता। सोशल मीडिया पर इसे काल्पनिक बताया जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है।
यात्रियों से बात करने का मिला था मौका
दरअसल, धुरंधर फिल्म के इस सीन की कहानी कई साल पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एक इंटरव्यू के दौरान सुनाई थी। जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वो कंधार की ज़मीन पर खड़े भारतीय विमान में घुसे तो उन्हें हाईजैकर्स की मौजूदगी में ही बंधक भारतीय यात्रियों को संबोधित करने का मौका मिला।
यह भी पढ़ें: यूपी के इन दो एक्सप्रेसवे को किया जाएगा कनेक्ट, अगले महीने शुरू होगा जमीन अधिग्रहण का काम
लोगों ने नहीं लगाए ‘जय हिंद’ के नारे
इस दौरान ही अजित डोभाल ने यात्रियों से कहा कि आप लोग आज़ाद हैं और भारत सरकार और भारत देश आपके साथ है। हम आप लोगो को यहां से सुरक्षित ले जाएंगे। डोभाल के मुताबिक उन्होंने भारत माता की जय या जय हिंद के नारे लगाए, लेकिन उन्हें कोई रिस्पॉन्स ही नहीं मिला। उन्होंने ने इसकी वजह लोगों के डर को बताया था।
यह भी पढ़ें: गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: लूथरा ब्रदर्स को आज थाइलैंड से लाया जा रहा भारत, दोपहर तक पहुंचेंगे दिल्ली
‘लोग बहुत डरे हुए थे’
अजित डोवाल ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत मलाल था कि लोग इतने डरे हुए थे। उनके अंदर उस वक्त राष्ट्रीयता की भावना जितनी होनी चाहिए थी, वो नहीं थी, जो कि एक स्वाभाविक स्थिति है, क्योंकि वे लोग काफी दिनों से बंधक बने हुए थे।
1999 में हाईजैक हुई थी IC-814 फ्लाइट
बता दें कि 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 ने नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। इसे दिल्ली पहुंचना था लेकिन इसे बीच में ही आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था, और कंधार ले जाया गया था। आतंकियों से लोगों को बचाने के लिए भारत सरकार को लंबी बातचीत करने पड़ी थी। इसके लिए सरकार को मजबूरी में हाईजैकर्स की मांग मानते हुए 3 खूंखार आतंकियों को छोड़ा था। इसके अलावा आतंकियों से फिरौती के तौर पर भारत सरकार से मोटी रकम भी ली थी।
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में 58 लाख मतदाताओं के नाम डिलीट किए गए, चुनाव आयोग ने जारी की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
