Dhruvastra Missile: सेना की ताकत में जल्द और इजाफा होने वाला है। ध्रुवास्त्र मिसाइल को भारतीय सेना और वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। सेना इस आधुनिक मिसाइल को चीन और पाकिस्तान की सरहद पर तैनात करने वाली है । यह एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है। इस मिसाइल को फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर में लगाया जाएगा। भारतीय सेना और वायु सेना ने 24 घंटे में दो सफल परीक्षण करने के बाद मिसाइल को सेना में शामिल करने का फैसला लिया गया। धुवास्त्र मिसाइल को हेलिना के नाम से भी जाना जाता है।
ध्रुवास्त्र मिसाइल की क्या है खासियत
ध्रुवास्त्र मिसाइल की खासियत है कि इसे दागो और भूल जाओ। यह मिसाइल अपने टारगेट को ढूंढ कर मारने के लिए जानी जाती है। यह मिसाइल इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर से लैस है। स्वदेशी ध्रुवास्त्र मिसाइल दुनिया के सबसे आधुनिक एंटी टैंक हथियार में से एक हैं। इस मिसाइल का परीक्षण साल 2021 में किया गया था। मिसाइल को एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर से लॉन्च किया गया था। लॉन्च के वक्त DRDO के वैज्ञानिक भी मौजूद थे। इस मिसाइल का निर्माण DRDO के वैज्ञानिकों ने किया है।
मिसाइल की क्षमता क्या है?
ध्रुवास्त्र मिसाइल एक टैंक रोधी मिसाइल है। मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता 7 किमी है वहीं न्यूनतम मारक क्षमता 500 मीटर है। यह मिसाइल फायर एंड फॉरगेट तकनीक पर काम करती है। एक बार टारगेट सेट हो जाने पर मिसाइल अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगा कर उसके परखच्चे उड़ा देता है। इस मिसाइल का वजन 45 किलो और लंबाई 6.1 फीट है। वहीं मिसाइल का व्यास 7.9 इंच है। मिसाइल में अपने साथ 8 किलो तक विस्फोटक ले जाने की क्षमता है। ध्रुवास्त्र मिसाइल 828 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है। यह मिसाइल हर मौसम में बिना रुके काम कर सकती है। इस मिसाइल को वायुसेना के ध्रुव और रूद्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर में लगाया गया है।
500 मिसाइल खरीदेगी भारतीय सेना
भारतीय सेना ने 500 ध्रुव मिसाइल खरीदने के आर्डर दिया है। इसके साथ ही 40 लॉन्चर का भी आर्डर दिया गया है। इस मिसाइल को पाकिस्तान और चीन के बॉर्डर पर लगाने की तैयारी की जा रही है। भारतीय सेना के पास पहले से ही नाग मिसाइल मौजूद है जिसकी मारक क्षमता 5 किमी है। ध्रुवास्त्र को नाग मिसाइल का ही अपटेडेट वर्जन बताया जा रहा है।