दिल्ली फायर सर्विस (DFS) ने नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक समेत कुल 24 सरकारी इमारतों को फायर सेफ्टी के मामले में खतरनाक बताया है और केन्द्र से इन इमारतों में फायर सेफ्टी के जरुरी इंतजाम करने को कहा है। दिल्ली फायर सर्विस ने जिन सरकारी इमारतों को लाल झंडी दिखाई है, उनमें नीति आयोग, निर्वाचन सदन, शास्त्री भवन, संचार भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन और कृषि भवन जैसी महत्वपूर्ण और संवेदनशील इमारतें शामिल हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली फायर सर्विस ने इन इमारतों का रख-रखाव करने वाले विभाग सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) को भी इन इमारतों की लिस्ट भेजकर समस्या के बारे में जानकारी दे दी है। हालांकि द इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक सीपीडब्लूडी की तरफ से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। खबर के अनुसार, डीएफएस ने सीपीडब्लूडी को बीते तीन माह में तीन बार पत्र लिखकर इन सरकारी इमारतों में फायर सेफ्टी के खराब हालात की जानकारी दी है, लेकिन अभी तक सीपीडब्लूडी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई बिल्डिंग का भी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जनवरी 2018 में एक्सपायर हो चुका है और उसके बाद से वह रिन्यू नहीं हो सका है। दिल्ली फायर सर्विस के अनुसार, निर्वाचन सदन, संचार भवन, यूपीएससी बिल्डिंग, अकबर भवन, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलोजी और एमडीसी स्टेडियम में फायर सेफ्टी के कमी की तरफ साल 2018 में ही इंगित कर दिया गया था। लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है।

इसी तरह नॉर्थ ब्लॉक के बारे में साल 2011 और साउथ ब्लॉक के बारे में साल 2017 में ही डीएफएस ने जानकारी दे दी थी। उक्त बिल्डिंग समेत कुल 24 सरकारी इमारतों में फायर सेफ्टी की दिशा में डीएफएस ने तुरंत कदम उठाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक सीपीडब्लूडी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

वहीं सीपीडब्लूडी के एक अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि इन सरकारी इमारतों में जगह की कमी है, जिसके चलते आग के चलते बाहर निकलने के रास्ते ब्लॉक हैं। फिलहाल इस समस्या को दूर करने के बारे में विचार किया जा रहा है।