Maharashtra CM Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए अपने दम पर 132 सीटें जीती हैं। आंकड़ा इतना दमदार है कि एक झटके में कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए गए। अब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली है, बड़ी बात यह है कि महायुति के दो सबसे बड़े चेहरे शिंदे और अजित पवार को भी सरकार में शामिल होने के लिए मना लिया गया है। पहले कहा जा रहा था कि शिंदे डिप्टी सीएम ना बने, लेकिन आखिर में आते आते वे भी झुक गए और अब महायुति पूरी तरह एकजुट दिखाई दे रही है।

लेकिन अगर ध्यान से देखा जाए तो महाराष्ट्र नतीजे के बड़े संदेश देखने को मिल रहे हैं। जो बीजेपी लोकसभा चुनाव के वक्त 240 सीटों पर सिमट चुकी थी, जिस समय मोदी-शाह की जोड़ी को लेकर कहा जाने लगा कि शायद अब वो उतनी ताकतवर नहीं, कुछ महीनो के अंदर में समीकरण फिर पूरी तरह बदल चुके हैं। हरियाणा में सरकार बनाई गई है, जम्मू कश्मीर में पहले से बेहतर प्रदर्शन हुआ है और महाराष्ट्र में तो कई रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए एक प्रचंड जनादेश हासिल किया गया है।

पहचान ना उजागर होने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि जब कोई ज्यादा ही हवा में उड़ता है, उसको जमीनी हकीकत बताने में थोड़ा समय तो जाता ही है। हमने भी शिंदे जी का इंतजार किया, इस बात का इंतजार किया कि शिंदे सच्चाई को समझेंगे, उन्हें इस बात का अहसास होगा कि एनडीए के साथ रहना ही उनका सबसे बेस्ट विकल्प रहने वाला है।

वैसे मुंबई से एक और बड़ा संदेश गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत के बाद भाजपा ने सभी को हैरान करते हुए उन चेहरों को मुख्यमंत्री बनाया जिन्हें शायद पहले उतनी लोकप्रियता कभी मीला ही नहीं थी। एक तरफ अगर छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ज्यादा कद्दावर नेता माने जा रहे थे, राजस्थान में वैसा ही कद वसुंधरा राजे का था। मध्य प्रदेश में मामा शिवराज की लोकप्रियता तो कभी सवालों में थी ही नहीं। लेकिन फिर भी सभी को चौंकाते हुए तीनों राज्यों में मोदी-शाह की जोड़ी ने उन चेहरों को चुना जिनके दम पर भविष्य की लीडरशिप तैयार की जा सके।

इसी वजह से पहले ऐसा भी माना जा रहा था कि शायद महाराष्ट्र में भी कोई बड़ा सरप्राइज हो जाए, फडणवीस की जगह किसी नए चेहरे को मौका दिया जाए। लेकिन अब जब फिर देवेंद्र फडणवीस की ही ताजपोशी हुई है, साफ संदेश दिया गया है कि बीजेपी को महाराष्ट्र में अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे की अभी जरूरत है। एक तो महायुति में जब अजित पवार और एकनाथ शिंदे जैसे कद्दावर नेता मौजूद हों, उस स्थिति में बीजेपी को संभल कर चलने के लिए फडणवीस जैसी कार्यशैली की जरूरत थी। इसके ऊपर क्योंकि देवेंद्र संघ के भी करीबी हैं, वहां से भी ज्यादा दिक्कत पैदा नहीं होगी।