संसद में जुवेनाइल जस्टिस बिल पर बहस के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘मेरी भी 16 साल की बेटी है। अगर ऐसा मेरी बेटी के साथ हुआ तो मैं दोषी को गोली मार देता।’ वह निर्भया गैंगरेप के संदर्भ में बात कर रहे थे। उन्‍होंने कहा, ‘सांसद होने के बाद भी मैं ऐसा कह रहा हूं, इसका मतलब यह बिल्‍कुल नहीं है कि मैं गैर जिम्‍मेदार हूं। मैं कानून से डरने वाला व्‍यक्ति हूं, लेकिन यह मामला बेहद संवदेनशील है, जिसमें ऐसी भावनाएं पैदा होना स्‍वाभाविक है।’ डेरेक ने कहा कि वह उस तकलीफ की कल्‍पना भी नहीं कर सकते हैं, जिससे निर्भया के माता-पिता गुजरे हैं।

सपा के रवि वर्मा ने राज्‍यसभा में कहा: हमारे जुवेनाइल सेंटर्स की हालत बेहद खराब है। जमीनी स्‍तर पर काम करने की जरूरत है।
अनु आगा (‍कारोबारी और राज्‍यसभा सांसद): जुवेनाइल जस्टिस बिल को संसद की स्‍थायी समिति को विचार के लिए सौंप देना चाहिए। अपराधियों की उम्र सीमा कम कर देना समस्‍या का हल नहीं होगा। हमें मानवीय उपायों पर विचार करना होगा।

गुलाम नबी आजाद (कांग्रेस) : निर्भया की मां केवल अपनी बेटी के लिए इंसाफ की लड़ाई नहीं लड़ रही हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही हैं कि ऐसी घटना फिर किसी के साथ नहीं हो। गलियों में रोशनी और पुलिस गश्‍त का पुख्‍ता इंतजाम करने से ऐसे अपराधों पर लगाम लग सकती है। किशोर अपराधियों के लिए जेलों में अलग वार्ड होना चाहिए। उन्‍हें खूंखार अपराधियों के साथ नहीं रखा जा सकता। उन्‍हें शिक्षित करने की भी जरूरत है।