केंद्र सरकार ने झारखंड के देवघर में मची भगदड़ की घटना को आज दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मारे गए 11 लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की और साथ ही प्रभावित इलाके में त्वरित कार्रवाई बल भेजे जाने की घोषणा की।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजद के जयप्रकाश नारायण यादव और भाजपा के निशिकांत दुबे द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद इस घटना के बारे में यह बयान दिया।
राजनाथ सिंह ने बताया कि जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री से बात की और हालात की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को दो दो लाख रूपये तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये का मुआवजा देने एवं घायलों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है।
उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की मांग की है जिसे वहां भेजा जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की और साथ ही इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
इससे पूर्व राजद सदस्य जय प्रकाश नारायण ने हादसे के लिए सुरक्षा व्यवस्था की खराब स्थिति को जिम्मेदार ठहराया और मृतकों के परिजनों को दस दस लाख रूपये का मुआवजा तथा देवघर बाबा धाम मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की।
भाजपा के निशिकांत दुबे ने इस हादसे को अपनी ‘व्यक्तिगत हार’ बताते हुए कहा कि वह देवघर में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन से सुविधाओं के विकास की गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं।
उन्होंने कहा कि देवघर में माता वैष्णो देवी और शिरडी साई बाबा मंदिर से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं लेकिन वहां सुविधाओं की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि बार बार प्रशासन को चिट्ठी लिखने के बाद देवघर में ‘पंक्ति परिसर’ के निर्माण की मंजूरी मिली थी लेकिन अब तक एक भी इ’ट वहां पर नहीं लगी है।
भाजपा सदस्य ने वहां एम्स संस्थान और हवाई अड्डे का निर्माण कराए जाने की मांग की।
दुबे ने पिछड़े राज्य झारखंड में सुविधाओं के पर्याप्त विकास के लिए केंद्र सरकार से वहां उचित रूप से विचार किए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि झारखंड में देवघर जिले के एक मंदिर में आज तड़के भगदड़ मचने से एक महिला समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए।