दिल्ली में पैसे लेकर क्रिकेट खिलाने से जुड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले का केंद्र दिल्ली के करोल बाग स्थित एक जूते की होलसेल दुकान थी। भ्रष्टाचार के इस मामले में नगालैंड क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारी और दिल्ली के कोच भी शामिल हैं। ये लोग नवोदित खिलाड़ियों से पैसे लेकर उन्हें बीसीसीआई का टूर्नामेंट खिलाने के झांसा देते थे।
मामला उस समय सामने आया जब तीन खिलाड़ियों ने इस मामले की शिकायत बीसीसीआई के एंटी करप्शन यूनिट से की। इन लोगों का आरोप था इनसे पैसे लेकर नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड से फर्स्ट क्लास टीम में गेस्ट प्लेयर के रूप में खिलाने की बात कही गई थी।
पुलिस ने ‘पे एंड प्ले’ स्कैम आने के बाद इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की जांच के अनुसार करीब 11 खिलाड़ियों ने दिल्ली के दो कोच को कुल 80 लाख से 1 करोड़ रुपये दिए हैं। इन लोगों को घूस की रकम दिल्ली में करोल बाग स्थित जूते की दुकान पर देने को कहा गया था।
इस बात की आशंका है कि इस मामले हवाला के जरिये लेनदेन में गुरुग्राम के एक स्पोर्ट्स शॉप की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस मामले में दो कोच 32 वर्षीय रवि दलाल और 34 वर्षीय हरीश जमाल को गिरफ्तार किया गया है। जमाल दिल्ली के पीतमपुरा में फ्रेंड्स एकेडमी में कोच है। वहीं जमाल भी दिल्ली के एक प्रमुख स्कूल में पार्ट टाइम कोच के रूप में काम करता है।
दिल्ली पुलिस के एडिशनल सीपी (क्राइम ब्रांच) राजीव रंजन ने कहा कि इन लोगों को 19 जुलाई को गिरफ्तार कर 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था। जानकारी के अनुसार जांच दल ने इस मामले में जांच के संबंध में नगालैंड जाने के लिए दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर से इजाजत मांगी है। माना जा रहा है कि नगालैंड क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ही इस मामले में कथित रूप से किंगपिन हैं।
चार साल पहले नगालैंड गया था जमालः हरीश जमाल ने बताया कि वह चार साल पहले एक टूर्नामेंट खेलने नगालैंड गया था। यहां उसकी मुलाकात बोर्ड के सीनियर मेंबर से हुई थी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जमाल पहले अपने टार्गेट के तय कर उनके माता पिता से बात करता। इसके बात नगालैंड बोर्ड के अधिकारियों से सौदा तय करता। खिलाड़ियों से पैसे लेते थे। जमाल नगालैंड बोर्ड के अधिकारी के साथ ही मिलकर यह रैकेट संचालित करता था।