Delhi Yamuna News: दिल्ली में यमुना को साफ करना मुश्किल जरूर है, लेकिन इसे नामुमकिन नहीं कहा जा सकता। कई रिपोर्ट्स साबित करती हैं कि अगर सही रणनीति के साथ काम किया जाए तो सिर्फ तीन सालों में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पूरी संभावना है कि यमुना में जो झाग आज दिख रहे हैं, वो दिखना बंद हो जाएं। इस एक्शन प्लान के बारे में The Energy and Resources Institute (TERI) ने काफी विस्तार से बताया है।

क्या-क्या कदम उठाने होंगे?

TOI में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सबसे बड़ा सुझाव TERI द्वारा यह दिया गया है कि मई 1994 वाले एक एग्रीमेंट में थोड़े बदलाव करने पड़ेंगे। असल में कई सालों से उन राज्यों के बीच में एक वॉटर शेयरिंग एग्रीमेंट चल रहा है जहां से होकर यमुना गुजरती है। लेकिन अब यह पता करने की जरूरत है कि आखिर यमुना जब उन राज्यों से दिल्ली में आती है, तब कितना प्रदूषण साथ लाती है। इसके अलावा कहा गया है कि दिल्ली में यमुना के पास में बड़े स्तर पर सैंड माइनिंग होती है, उस पर रोक लगना जरूरी है।

इसके अलावा अगर समय रहते राजधानी की छोटी और बड़ी हर ड्रेन को साफ कर दिया जाएगा, इसी के साथ अगर STP प्लांट्स की क्षमता को और ज्यादा बढ़ाया जाएगा, उससे भी यमुना को साफ करने में बड़ी मदद मिलेगी, कहना चाहिए जमीन पर परिणाम और जल्दी देखने को मिल जाएंगे। बड़ी बात यह है कि यमुना में जो प्रदूषण दिख रहा है, उसका एक कारण वहां आस-पास कपड़े धोना भी है, जिस डिटरजेंट का इस्तेमाल होता है, वो सीधे यमुना में जाकर मिल रहा है। ऐसे में अगर कुछ छोटे STP प्लांट लगाए जाएंगे, उस पानी को भी पहले ट्रीट किया जा सकेगा।

यमुना क्यों है प्रदूषित?

एक और बड़ा सुझाव यह रहा है कि जितनी भी प्रदूषण से जुड़ी एजेंसियां है, उन्हें एक साथ लाया जाए और फिर काम किया जाए। उदाहरण के लिए अगर दिल्ली जल बोर्ड, फ्लड कंट्रोल डिपार्ममेंट को साथ लाया जाएगा तो एक्शन प्लान भी ज्यादा कारगर बनेगा और तालमेल भी ज्यादा बेहतर दिखेगा। वैसे एक सवाल जरूर है, समाधान होने के बाद भी यमुना को प्रदूषित करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, आखिर अब तक कुछ क्यों नहीं हुआ। डिटेल में जानने के लिए यहां क्लिक करें