Delhi Maujpur-Babarpur-Jafrabad Violence Updates: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में शुरू हुई हिंसा में करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। किसी के घर जल गए तो किसी की दुकान फूंक दी गई। लेकिन इस हिंसा के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द भी देखने को मिल रहा है। मंगलावार की दोपहर करीब एक बजे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अशोक नगर में बड़ी मस्जिद के समीप करीब एक हजार लोगों की भीड़ मोहल्ले में दाखिल हुई। वे मस्जिद में घुसे और आग लगा दी। इसके बाद दंगाईयों ने दुकानों को निशाना बनाया और फिर स्थित मुस्लिम परिवारों के घर जला दिए। लेकिन इस मुसीबत की घड़ी में पड़ोस में रह रहे हिंदू परिवारों ने मुसलमानों की मदद की और अपने घर के दरवाजे उनके लिए खोल दिए।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जल चुके घर के बाहर खड़े खुर्शीद आलम ने उस मंजर को याद करते हुए बताया, “दोपहर के करीब एक बजे थे। 20 लोग मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे। तभी भीड़ में शामिल लोग मस्जिद में घुसे और जोर-जोर से नारे लगाने लगे। हम जान बचाकर वहां से भागे।”
‘दूध लेने गया था, लौटा तो देखा 100-150 लोग गेट तोड़कर घर में घुसे थे, लगा दी थी आग, जिंदा जल गईं 85 साल की मां’
भीड़ ने मस्जिद में आग लगा दी और उसे ध्वस्त कर दिया। स्थानीय निवासी मोहम्मद तैयब कहते हैं कि दोपहर करीब 1:30 बजे भीड़ बिल्डिंग के सबसे ऊपरी छत पर पहुंच गई और वहां तिरंगा तथा भगवा झंडा फहरा दिया। हालांकि बुधवार की सुबह स्थानीय लोगों ने इन झंडों को हटा दिया।
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स्थानीय लोग दंगाईयों से आग्रह करते रहें कि वे किसी संपत्ति का नुकसान न करें लेकिन किसी ने एक न सुनी। अशोक नगर में रहने वाले राजेश खत्री ने कहा, “भीड़ में शामिल ज्यादातर लोगों ने अपने चेहरे ढ़ंक रखे थे और उनके हाथों में रॉड थे। कुछ ही देर में उनसबों ने दुकानों में आग लगानी शुरू कर दी। हम डर गए थे कि कहीं वे हमें न मार दें।”

मोहम्मद राशिद ने बताया, “दुकान जलाने के बाद वे हमारे (मुस्लिम समुदाय) छह घरों को जलाने के लिए आगे बढ़े। उन्हें अच्छी तरह मालूम था कि यहां मुस्लिम परिवारों के सिर्फ छह घर हैं क्योंकि उन्होंने अन्य घरों को हाथ तक नहीं लगाया। उन लोगों ने एक चीज नहीं छोड़ा। सभी लूट ले गए। अब हम बेघर हो चुके हैं।”

राशिद ने कहा, “गलियों में रहने की नौबत आ गई थी लेकिन पड़ोस में रह रहे हिंदू दोस्तों ने हमारी मदद की। वे हर समय हमारे साथ हैं। उन्होंने अपने घरों में हमें पनाह दी है। हम यहां (मोहल्ले में) करीब 25 सालों से रह रहे हैं लेकिन किसी हिंदू पड़ोसी से कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ। हम एक परिवार की तरह साथ रहते हैं।”

यहां रह रहे हिंदुओं का कहना है कि मामला कुछ भी हो, हम उनके साथ हैं। हम भी हिंदू हैं लेकिन कभी भी उनके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा। उनके (मुसलमानों) दुकानों और घरों में आग लगा दी गई है। इस मुसीबत में हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते हैं।