Delhi Violence, Delhi Protest Today News: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी हिंसा में 27 से लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हिंसा से जुड़े कई वीडियो और फोटो सामने आए हैं जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हिंसा का मंजर कितना भयंकर है। हिंसा में कई लोगों की संपत्ति आगजनी के चलते खाक हो गई है। ऐसे ही एक दंगा पीड़ित ने आपबीती सुनाई है। दंगा पीड़ित का कहना है कि पुलिस और पब्लिक मिल कर आग लगा रही थी।

बीबीसी के साथ बातचीत में भूरा खान ने अपने घर पर लगी आग के उस भयंकर मंजर का जिक्र किया तो वह भावूक होकर रो पड़े। उन्होंने कहा ‘मैंने फायर ब्रिगेड (101) पर फोन किया और उन्हें बताया कि भजनपुरा स्थित पीर बाबा बाजार में कॉर्नर पर स्थित मेरे प्लॉट में आग लग गई है। करीब ढाई बजे के करीब दोनों तरफ (सीएए विरोधी और सीएए समर्थक) से पथराव हो रहा था। हमें भागने का मौका नहीं मिला और हम घर पर ही रहे। हमने शटर बंद कर ताले लगा दिए।’

उन्होंने आगे बताया ‘पब्लिक ने कार में आग लगाई। जैसे ही उन्होंने कार में आग लगाई तो हम निराश होने लगे और आग को बुझाने के लिए सबमर्सिबल चालू किया तो लोगों ने हमपर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। और हम पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके बाद मैंने दूसरे वाले दरवाजे की तरफ से बाहर देखा तो पुलिस और पब्लिक दोनो ही आग लगा रही थी। इसके बाद हमन सबमर्सिबल को दूसरी तरफ ले जा रहे थे तो पता चला की बिजली की केबल में आग लग गई और सबमर्सिबल बंद हो गया।’

भूरा खान ने रोते हुए आगे बताया कि ‘मेरे फैसले के चलते सब रुके रहे लेकिन इसके बाद मैंने बच्चों से बोला कि यहां से भाग निकला तो सभी छत से भाग निकले। सभी ने कूद-कूदकर अपनी जान बचाई। मैंने इस बीच कई बार फायर ब्रिगेड का कॉल की लेकिन मुझसे कई सवाल पूछे गए और कहा गया कि टेंशन मत लीजिए गाड़ी आर रही है। गाड़ी तो आई लेकिन थोड़ी ही देर में चली गई। हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया और न कोई फोन कॉल किया गया।’