Delhi Violence CAA Protest Maujpur, Gokulpuri Bhajanpura Jaffrabad Chand Bagh: दिल्ली के पूर्वोत्तर भाग में कई लोगों के लिए समय ठहर सा गया है। दंगों ने उन्हें एक बार फिर से कई दशक पीछे लाकर खड़ा कर दिया है। स्थिति सामान्य होने पर भजनपुरा और खजूरीखास इलाके में कुछ लोग वापस तो आ गए हैं, लेकिन अब उनके पास जली हुई काली दीवारें, पिघली घड़ियां और बचे हुए राख हैं। ये चीजें दंगे की दर्दनाक दास्तां बयां कर रहे हैं। ऐसा लग है जैसे ये घर न होकर मलबे का गोदाम है। फर्श पर जली हुई चीजें और कांच के टुकड़े बिखरे हुए हैं।
खजूरी खास में जो घर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं, उनमें से एक बीएसएफ कांस्टेबल मोहम्मद अनीस का है। उसकी शादी दो महीने में होने वाली है, लेकिन उसका बेडरूम और निजी सामान सब जल गया है। भीषण आग की लपटों की वजह से घर में रखा टीवी पिघल गया।
बीएसएफ के उप महानिरीक्षक पुष्पिंदर सिंह राठौर शनिवार को बीएसएफ के अन्य अधिकारियों के साथ अनीस के जले हुए घर का दौरा करने पहुंचे। संडे एक्सप्रेस को डीआईजी राठौड़ ने बताया, “अनीस को उसके घर के नष्ट होने की सूचना दी गई है। वे ओडिशा में तैनात हैं। वे वहां से दिल्ली आ रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही हम यहां आए। फिर से उनके घर को बनाने के लिए हम हर संभव मदद करेंगे।”
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अनीस के अलावा शायद ही दूसरों को इतनी जल्दी सहायता मिल सकती है। चार दिन पहले 22 वर्षीय समरीन खान और उनके परिवार अपना घर छोड़कर चले गए थे। अब वे वापस लौटे हैं। समरीन एक जले हुए सोफे की ओर इशारा करती है, जहां ज्वेलरी के खाली डिब्बे रखे हैं। समरीन कहती हैं कि घर में आग लगाने से पहले ज्वेलरी लूट लिए गए। आगे एक आधी पिघल गई घड़ी है जो हिंसा शुरू होने से पहले दीवार पर टांगी गई थी।
समरीन दूसरे कमरे की ओर इशारा करती हैं, जहां फार्मेसी की किताबों को करीने से सजा कर रखा गया था। उनके पिता एक एक फार्मासिस्ट थे और वह खुद फार्मेसी में डिप्लोमा की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सभी फार्मेसी पुस्तकें राख में तब्दील हो गई है। मेरी शादी के लिए मेरी मां ने जो सोने के दो हार खरीदे थे, वे अब नहीं रहे। हमारे घर को आग लगाने से पहले अलमीरा तक को तोड़ दिया गया था।”
जाफराबाद और चांद बाग जैसे क्षेत्रों में हिंसा के दौरान फायरिंग, पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुई। दुकानों और घरों में आग लगा दिया गया। सड़कों पर जले हुए वाहनों को हटाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस हिंसा के दौरान बाइक शो रूम के मालिक को काफी नुकसान हुआ है। एक शो रूम के मालिक बृजपाल सिंह ने बताया कि उन्हें इससे करोड़ों का नुकसान हुआ है और शायद ही वे कभी इस नुकसान से उबर पाएं।
बर्बादी की कई कहानियां एक समान है। घरों और दुकानों में आग लगाने से पहले कीमती सामान लूट लिए गए। मिनी सिलेंडर से आग लगाया गया। फोन करने के बावजूद कई जगहों पर अग्निशमन विभाग नहीं पहुंच पाया।
मौजपुर में कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें राज्य सरकार से मुआवजे का दावा करने के लिए फॉर्म दिए गए हैं। जिन लोगों को फार्म दिया गया है, उनमें बीर सिंह हैं, जो मौजपुर बाजार में एक मेडिकल स्टोर के मालिक हैं। वे कहते हैं कि उसकी दुकान को जलाने से पहले उसका बटुआ सहित सब कुछ चोरी हो गया था। इसके अलावा उनकी दुकान में आग लगाने के कुछ घंटों बाद, किसी ने उनका ड्राइविंग लाइसेंस उन्हें वापस कर दिया। उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि पूरी प्लानिंग के साथ लूटपाट हुई थी। लूटपाट करने वाले हेलमेट पहने हुए और चेहरे ढके हुए थे।”