डीयू ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने अपने कॉलेजों को महिला शौचालयों और ‘चेंजिंग रूम’ के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रशासन ने हालिया परामर्श में अपने कॉलेजों और विभागों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए संस्थानों और छात्रावासों के सभी द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाए।

डीयू की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘दिल्ली पुलिस की सिफारिशों के बाद, हमने आईआईटी-दिल्ली में हुई हालिया घटना के मद्देनजर कॉलेज महोत्सव के दिशानिर्देशों में प्रासंगिक चीजें जोड़ी हैं। हमने कॉलेजों को सुरक्षा के मद्देनजर महोत्सव के दौरान महिलाओं के शौचालयों और ‘ड्रेसिंग रूम’ के सामने सीसीटीवी लगाने के लिए कहा है।’’

इन नियमों का रखना होगा ध्यान

किसी भी बड़े आयोजन से पहले जहां बाहर से छात्रों को किसी संस्थान में आमंत्रित किया जाता है, प्रशासन को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ एक उन्नत सुरक्षा संपर्क बैठक आयोजित करनी चाहिए। एडवाइजरी में उत्सव के दौरान छात्रों की संख्या पर भी अंकुश लगाया गया है। एक संगीत कार्यक्रम के दौरान डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टरों को किराए पर लेने और अंधेरे पैच को कवर करने के लिए उचित प्रकाशसही लाइटिंग की व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया है।

आयोजनों में प्रवेश को Google फॉर्म के माध्यम से विनियमित किया जाना चाहिए, जिसकी प्रतियां पुलिस के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों को जमा करनी होंगी। संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, कॉलेजों को किसी भी बड़े आयोजन से पहले अपनी चारदीवारी का आकलन करने और बाहरी लोगों को दीवारों पर चढ़ने से रोकने के लिए तार लगाने के लिए कहा गया है।

छात्राओं ने गुप्त रूप से वीडियो बनाने की करी थी शिकायत

दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में, दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज की लगभग 10 छाआओं ने शिकायत की थी कि आईआईटी-दिल्ली के महोत्सव में एक फैशन शो के दौरान संस्थान के शौचालय में कपड़े बदलते समय गुप्त रूप से उनकी वीडियो बनाई गई थी। पुलिस ने मामले में 20 वर्षीय संविदा सफाईकर्मी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। किशनगढ़ पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 C के तहत मामला दर्ज किया गया था।