प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (8 मार्च, 2019) को 32,500 करोड़ रूपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में दिल्ली और मेरठ को गाजियाबाद के रास्ते जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी ‘रीजनल रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ (आरआरटीएस) का शिलान्यास भी किया गया। पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आरआरटीएस का निर्माण 30,000 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से किया जा रहा है। देश के इस प्रथम आरआरटीएस का काम पूरा हो जाने पर दिल्ली और मेरठ के बीच दूरी महज एक घंटे (55 मिनट) की रह जाएगी।’

ऐसे में हम आपको यहां दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के बारे में दस खास बातें बताने जा रहे हैं-
1- 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का यह रूट एनसीआर के घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगा। इसकी सर्विस शुरू होते ही यह दिल्ली और उत्तर प्रदेश को आपस में जोड़ देगा।

2- एनसीआरटीसी के अनुसार रैपिड रेल कुल 22 RRTS स्टेशनों से होकर गुजरेगी। अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए रेल एलिवेटेड और अंडरग्राउंड से होकर भी गुजरेगी। इसकी एक तरफ की यात्रा 55 मिनट में पूरी करने की उम्मीद है।

3- RRTS ट्रेन 160 प्रति घंटा किलोमीटर की रफ्तार से पटरी पर दौड़ेगी। इसके अलावा ट्रेन की औसतन गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार होगी।

4- रेल निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसमें सीसीटीवी सर्विलांस के अलावा मोबाइल, लैपटॉप चार्गिंग की सुविधा होगी। दिल्ली मेट्रो के उलट इसमें यात्रियों को सामान रखने के लिए जगह होगी।

5- RRTS ट्रेनों में 9 कोच होंगे। इनमें से एक बिजनेस क्लास कोच भी होगा। इस कोच में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अतिरिक्त किराया देना होगा।

6- ऐसा पहली बार होगा जब रैपिड रेल नेटवर्क की ट्रेनों में यात्रियों के लिए बिजनेस क्लास की सुविधा मिलेगी।

7- एसी वाले बिजनेस कोच में सामान के लिए ओवरहेड कैबिन बना होगा। वाईफाई कनेक्शन की सुविधा होगी। लग्जरी सीट्स के अलावा रिफ्रेशमेंट की सुविधा भी होगी ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी ना हो।

8- बिजनेस क्लास यात्रियों के लिए अलग एंट्री और एग्जिट गेट होगा।