हर साल बड़ी तादाद में लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत होती है। राजधानी दिल्ली में भी सड़क हादसों का शिकार होने वाले लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा है। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के टॉप 10 सबसे ज़्यादा दुर्घटना प्रभावित क्षेत्र या कहें की ब्लैक स्पॉटस की लिस्ट में धौला कुआं का नाम भी शामिल है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम सिर्फ धौला कुआं का ज़िक्र क्यों कर रहे हैं? तो इसका कारण इंडियन एक्सप्रेस की ग्राउंड रिपोर्टिंग है जिसमें हमने इस 1  1 किलोमीटर लंबे महत्वपूर्ण चौराहे का दौरा किया जो दिल्ली को हवाई अड्डे और गुड़गांव से जोड़ता है।

धौला कुआं इलाके में बढ़ते मामले 

साल 2022 में धौला कुआं पर 17 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, इनमें आठ लोगों की मौत हो हुई, जबकि 13 लोग घायल हो गए। कुल दुर्घटनाओं  में से 7 दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन शामिल थे जबकि 5 में पैदल यात्री शामिल थे। ज़्यादातर मामले रात के हैं। 

ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी ‘दिल्ली क्रैश रिपोर्ट 2021’ के मुताबिक  धौला कुआं उस साल ब्लैक स्पॉट की सूची में नहीं था, लेकिन यह 87 क्रैश-प्रोन ज़ोन की सूची में 40वें नंबर पर था। इसमें 11 दुर्घटनाएँ देखी गईं। जिनमें 3 मामले काफी गंभीर थे। 

धौला कुआं में क्यों होते हैं इतने मामले

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नागरिक एजेंसियों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर समस्याओं की पहचान की है इससे निपटने के लिए कई प्रयास भी किए हैं।   धौला कुआं में कई बुनियादी ढांचागत समस्याएं हैं। यहां सरदार पटेल (एसपी) मार्ग पर यातायात मर्ज हो जाता है, वाहन कनॉट प्लेस से फ्लाईओवर के नीचे और मोती बाग से आते हैं। फ्लाईओवर के पार वाली सड़क पर दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन है। पुलिस के मुताबिक सबसे ज़्यादा मामले उस पॉइंट पर होते हैं जहां गुड़गांव रोड- सरदार पटेल (एसपी) मार्ग  एक पेट्रोल पंप के सामने धौला कुआं मेट्रो स्टेशन स्तंभ के पास मर्ज होता है। यहां ट्रेफिक जाम को लेकर लगातार झगड़े देखे गए हैं। 

इंडियन एक्सप्रेस ने क्या देखा 

जब इंडियन एक्सप्रेस ने 1 जुलाई को दोपहर 12 बजे धौला कुआं के  इस हिस्से का दौरा किया तो पाया कि पैदल यात्रियों के लिए कोई तयशुदा रास्ता ही नहीं है। मुख्य पॉइंट पर मौजूद पेट्रोल पंप से निकलने वाली गाड़ियां यातायात को प्राभवित करती हैं। 

क्षेत्र में तैनात एक वरिष्ठ यातायात अधिकारी ने कहा, “धौला कुआं यातायात के लिहाज से एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि अधिकांश वाहन यहीं से गुड़गांव की ओर जाते हैं… क्षेत्र में यातायात का एक बड़ा हिस्सा बसें हैं, लेकिन कई ई-रिक्शा पहले से ही हैं जिससे सर्विस लेन पर यात्रियों और बसों का चलना मुश्किल हो जाता है। मेट्रो पिलर को भी इस तरह से रखा गया है कि सर्विस लेन में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए जगह कम हो जाती है।