दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से बुधवार को पूछताछ की। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने यह पूछताछ अपने सनलाइट कॉलोनी वाले ऑफिस में की। पुलिस इस मामले में पहले चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। चार्जशीट में आम आदमी पार्टी से सस्पेंड किए गए पार्षद ताहिर हुसैन का नाम शामिल है। इससे पहले पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में दावा किया था कि सांप्रदायिक दंगे ‘पूर्व निर्धारित साजिश’ के तहत भड़काए गए थे। इसे कथित तौर पर उमर खालिद और दो अन्य लोगों ने मिलकर रचा था। खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया था। इससे पहले पुलिस ने 1 अगस्त को भी उमर खालिद से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद पुलिस ने उमर खालिद का फोन जब्त कर लिया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें नोटिस देने के बाद खालिद को मंगलवार को तलब किया गया था। “बुधवार सुबह लगभग 11.30 बजे, वह अपने दो-तीन परिवार के सदस्यों के साथ सनलाइट कॉलोनी कार्यालय में आए और जांच में शामिल हुए। एक अधिकारी ने कहा कि हम उससे पूछताछ कर रहे हैं और कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को सत्यापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले हुसैन के खिलाफ दर्ज चार्जशीट में पुलिस ने आरोप लगाया है कि 8 जनवरी को, पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों से एक महीने से अधिक समय पहले, हुसैन ने शाहीन बाग में सीएए के विरोध में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के उमर खालिद और खालिद सैफी से मुलाकात की थी। उमर ने डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के समय कुछ बड़े / दंगों के लिए के लिए तैयार रहने को कहा। इसमें पीएफआई सदस्य की तरफ से उसकी (हुसैन) आर्थिक रूप से मदद करने की बात का जिक्र किया गया था। चार्जशीट के अनुसार, हुसैन की पुलिस पूछताछ और कॉल डिटेल रिकॉर्ड विश्लेषण पर आधारित है।