Delhi Riots Case News 2020: दिल्ली दंगों के मामले में जमानत याचिकाओं को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने तस्लीम अहम से लेकर शरजील इमाम और उमर खालिद की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। तस्लीम अहमद को अप्रैल 2020 में एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था और फिर जून 2020 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा बड़े षड्यंत्र के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने खुली अदालत में फैसला सुनाया कि उनकी अपील खारिज की जाती है। विस्तृत आदेश का इंतज़ार है। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की खंडपीठ इस मामले में नौ अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने शरजील इमाम और उमर खालिद को भी जमानत देने से इंकार कर दिया है। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने इन पर खतरनाक साजिश रचने के आरोप लगाए हैं।

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जून 2020 में हुई थी गिरफ्तारी

तस्लीम अहमद को अप्रैल 2020 में एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था और फिर जून 2020 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा बड़े षड्यंत्र के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मामले में आरोपी अठारह लोगों पर 23 फरवरी, 2020 और 25 फरवरी, 2020 के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कथित रूप से दंगे भड़काने की पूर्व नियोजित साजिश के आरोप हैं जिन पर आईपीसी, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और यूएपीए के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।

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किसे मिल चुकी है जमानत

मार्च 2020 में दिल्ली अपराध शाखा द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसकी जांच विशेष सेल द्वारा की जा रही है। 18 आरोपियों में से, कार्यकर्ता सफूरा जरगर को जून 2020 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, और एक अन्य आरोपी फैजान को अक्टूबर 2020 में जमानत दी गई थी।

तीन अन्य एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा – को जून 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने ज़मानत दे दी थी। पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां को इस मामले में मार्च 2022 में ज़मानत मिली थी। एक अन्य आरोपी सलीम मलिक को अप्रैल 2024 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी इस मामले में हिरासत में हैं।

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