Delhi Red Fort Car Blast News: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के बाहर एक चलती कार में हुए धमाके में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। एलनएजेपी के इमरजेंसी रूम के बाहर का गलियारा गंभीर रूप से जले हुए पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के विलाप से गूंज रहा था।
अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी दौड़कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। शाम 7 बजे के बाद भी कई घंटों तक धमाके के पीड़ितों का आना जारी रहा। कुल मिलाकर रात 11.30 बजे तक कम से कम 30 लोग आए। कुछ एंबुलेंस में तो कुछ ई-रिक्शा में आए। जब पीड़ितों को लाया गया तो उनमें से आठ की मृत्यु हो चुकी थी।
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस बताया कि कम से कम तीन शवों का ऊपरी हिस्सा गायब था, एक का चेहरा जला हुआ था। एक अधिकारी ने कहा, “हम उनकी पहचान नहीं कर पाए हैं।” कम से कम 15 डॉक्टर और 20 पैरामेडिकल स्टाफ इमरजेंसी में काम कर रहे थे और 10 डॉक्टर कैजुअल्टी वार्ड में मरीजों की ड्रेसिंग कर रहे थे।
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अमन कटारिया की चांदनी चौक में दवा की दुकान
एक महिला अपने पति का कंधा पकड़े हुए रो रही थी। उसने कहा, ‘मेरा भाई चला गया’। उसके पति नाजिम ने बताया कि घटना के समय उसका साला मौके पर मौजूद था। उसने कहा, “हमने टीवी पर खबर देखी और उसे फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया।” अमर कटारिया चांदनी चौक बाजार स्थित अपनी दवा की दुकान से लाल किले से मेट्रो पकड़ने के लिए आ रहे थे, तभी यह धमाका हुआ। उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। उनके भतीजे ने बताया कि उन्हें एक अजनबी ने फोन किया था जिसने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। कटारिया मृतकों में से एक थे।
अशोक अपने गांव के परिचित से मिलने आया था
एक अन्य व्यक्ति जिसकी मृत्यु हो गई, वह 34 साल का अशोक कुमार था। अशोक अपने गांव के एक परिचित से मिलने मेट्रो स्टेशन आया था। अशोक एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। जिस व्यक्ति, लोकेश, से वह मिलने आया था, वह अभी भी लापता था। 64 के संदीप कुमार इन दोनों व्यक्तियों को जानता था। उन्होंने कहा, “मुझे लाल किले से किसी ने फोन किया था। लोकेश का फोन लाल किला चौकी पर मिला, लेकिन वह नहीं मिल रहा।”
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