लाल किले पर हमला करने वाले डॉ उमर नबी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह आत्मघाती बम विस्फोट को ‘शहादत अभियान’ बता रहा है। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने बताया कि यह वीडियो उसके अपने मोबाइल फोन से निकाला गया है। सूत्रों के अनुसार, उमर ने यह फ़ोन अपने छोटे भाई को सौंप दिया था, जिसे जम्मू -कश्मीर पुलिस ने लाल किला बम विस्फोट की रात उसके पुलवामा स्थित आवास से उठा लिया था । उसका बड़ा भाई भी पुलिस हिरासत में है।
एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “छोटे भाई ने उमर के कहने पर फ़ोन फेंक दिया था। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि उसके भाई ने उसे फ़ोन दिया था।” उन्होंने बताया कि छोटा भाई पुलिस टीम को एक नाले तक ले गया, जहाँ फ़ोन फेंका गया था। एक सूत्र ने बताया, “काफी मशक्कत के बाद, हम फ़ोन बरामद करने में कामयाब रहे।”
नाले में मिला उमर नबी का फोन
सूत्रों के अनुसार, फ़ोन बरामद करने के बाद, पुलिस ने उसे डेटा निकालने के लिए भेज दिया। सूत्र ने बताया, “कम से कम चार वीडियो निकाले गए जिनमें से एक सार्वजनिक है।” उन्होंने आगे कहा, “ये वीडियो राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और राज्य जाँच एजेंसी (SIA) के साथ साझा किए गए हैं।”जांचकर्ताओं के अनुसार, उमर के सहयोगियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह जैश के सभी मॉड्यूल में सबसे अधिक कट्टरपंथी था और अक्सर आत्मघाती बम विस्फोट की बात करता था।
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उमर के संपर्क में रहे सभी लोग जांच के घेरे में
सूत्रों ने बताया कि दो लापता मोबाइल फोन के कॉल डेटा रिकॉर्ड की मदद से पुलिस ने उन संदिग्धों की सूची तैयार की है जो मामले में सह-षड्यंत्रकारी हो सकते हैं या उमर के साथ उनके करीबी संबंध हो सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया, “सत्यापन प्रक्रिया जारी है। अल फलाह विश्वविद्यालय के डॉक्टरों और जम्मू-कश्मीर के निवासियों समेत 60 से ज़्यादा लोगों का सत्यापन हो चुका है। नूह के भी कई लोग इस सूची में हैं।”
पुलिस ने 250 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए
दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट के बाद बड़े पैमाने पर चलाए गए सत्यापन अभियान के तहत, पुलिस ने उत्तरी जिले में 250 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से ज्यादातर पर अनिवार्य पुलिस वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी नहीं करने के आरोप हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) राजा बांठिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “किरायेदारों और लॉज के सत्यापन के बाद हमने कई FIR दर्ज की हैं। अब तक 250 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।” अधिकारी ने बताया कि सत्यापन मानदंडों का पालन न करने के कारण बड़ी संख्या में लॉज और कई छोटे गेस्ट हाउस पर भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि यह कदम आवश्यक था क्योंकि विस्फोट भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में हुआ था, जिसके कारण अधिकारियों को जांच कड़ी करनी पड़ी।
