Delhi IAS Coaching Incident: देश की राजधानी दिल्ली UPSC की कोचिंग्स के लिए विख्यात है लेकिन यहां की बदहाली के चलते IAS/PCS बनने की तैयारी करने आए तीन मेधावी छात्रों की जान चली गई। दर्दनाक बात यह है कि ये इन छात्रों का निधन कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पढ़ाई के दौरान नाले और का पानी भरने के चलते हुई।
इस दर्दनाक घटना को लेकर उठे सवालों के बीच सामने आया है कि यह घटना रोकी भी जा सकती थी, लेकिन MCD के कानों में जूं न रेंगने का अंजाम तीन छात्रों की जिंदगियों और उनके परिजनों का चुकाना पड़ा, क्योंकि छात्रों ने MCD से कोचिंग सेटर के खिलाफ एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन बार एक्शन की गुहार लगाई थी लेकिन MCD ने कोई एक्शन ही नहीं लिया।
MCD की उदासीनता ने पार की सारी हदें
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया कि राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट अवैध चल रहे लाइब्रेरी की शिकायत 1 महीने पहले 26 जून को ही एमसीडी से कर दी गई थी। इसको लेकर छात्रों की तरफ से बार-बार रिमाइंडर भी भेजे गए लेकिन MCD ने उदासीनता की सारी हदें ही पार कर दीं। हैरानी की बात यह है कि हादसे वाले दिन भी शिकायत अंडर प्रोसेस ही था।
इतना ही नहीं, सिविल सर्विस एस्पिरेंट किशोर सिंह कुशवाह ने कोचिंग सेंटर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, फिर 15 जुलाई और 22 जुलाई को रिमाइंडर भी भेजे लेकिन नगर निगम ने किसी भी तरह की शिकायत पर कोई भी एक्शन नहीं लिया।
MCD से छात्र ने क्या की थी शिकायत
इस शिकायत को लेकर UPSC की तैयारी कर रहे छात्र कुशवाह ने नगर निगम को लिखा था कि बिना किसी अनुमति और बिना किसी एनओसी के वे (राऊ) बेसमेंट में क्लास चला रहे हैं; वे टेस्ट क्लास (प्रैक्टिस सेट) ले रहे हैं, इसमें छात्रों के साथ कमचारियों का भी जीवन प्रभावित हो रहा है। बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बड़े यूपीएससी कोचिंग संस्थान छात्रों की जान जोखिम में डालकर अवैध जगहों पर कक्षाएं चला रहे हैं।
रिमाइंडर का भी MCD पर नहीं हुआ कोई असर
खास बात यह है कि छात्र ने न केवल शिकायत लिखी बल्कि दो बार एमसीडी को रिमाइंडर भी भेजा, उन्होंने 15 जुलाई को दोबारा लिखी शिकाय में कहा कि सर, यह बहुत महत्वपूर्ण और जरूरी मुद्दा है, सख्त कार्रवाई करें। हैरानी की बात यह भी है कि राव आईएएस में हुए इस हादसे से ठीक पांच दिन पहले 22 जुलाई को फिर से छात्र ने नगर निगम को रिमाइंडर भेजा था और कहा था कि सर कृपया कार्रवाई करें… यह छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा है।
अहम शिकायतों और रिमाइंडरों के बावजूद नगर निगम की उदासीनता ने सारी हदें ही पार कर दी। ऑनलाइन कंप्लेन पोर्टल पर करेंट स्टे्स “अंडर प्रोसेस” लिखा आ रहा है, जो कि नगर निगम की खस्ताहाल स्थिति को पुख्ता कर रहा है। ऐसे में सवाल यही है कि अगर समय रहते कार्रवाई हो जाती, तो शायद तीन जिंदगियां बच जाती।