Delhi Pollution: दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को मुख्यमंत्री आतिशी को चार पन्नों का एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एक बार फिर दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप पर चिह्नित किए जाने पर सवाल उठाया। साथ ही बताया कि इस घातक प्रदूषण का लोगों के जीवन पर बहुत खतरनाक असर पड़ रहा है और इससे उनका जीवन भी कम हो रहा है। लेकिन अपने पत्र में यह भी कहा कि उन्होंने समय-समय पर प्रदूषण के मुद्दे को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करवाते रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

उपराज्यपाल ने कहा कि हमें एक बार फिर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर करार दिया गया है। हमारे निवासी, खासकर गरीब, जानलेवा वायु प्रदूषण के कारण अपनी जिंदगी कम करने के अलावा आजीविका के नुकसान का भी सामना कर रहे हैं। पहले की तरह, कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है और कोई समाधान नहीं दिया जा रहा है।

सक्सेना ने कहा कि उन्होंने कई मौकों पर प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखे हैं। उन्होंने लिखा कि पिछले दो सालों में भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में मेरा यही अनुभव रहा है। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में मैंने कई मौकों पर स्थिति की समीक्षा की, पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखे और उन्हें अपने मुख्यमंत्री के समक्ष विधिवत रूप से प्रस्तुत किया।

एलजी ने जोर देकर कहा कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति “पूरी तरह से टाली जा सकती है” और इसका समाधान “हमारे अपने हाथों में है।” उन्होंने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ इस मुद्दे को उठाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भले ही राजधानी प्रदूषित हवा के कारण दम घुटने लगी हो, जो आगे बढ़ने के साथ और भी बदतर होती जाएगी, मेरा अनुभव रहा है कि स्थिति को पूरी तरह से टाला जा सकता है और इसका समाधान काफी हद तक हमारे अपने हाथों में है।

उपराज्यपाल ने पत्र में आगे लिखा कि आपके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के साथ कई बैठकों में मैंने सभी मुद्दों को उठाया और उन्हें यह समझाने की पूरी कोशिश की कि ये दूर करने योग्य हैं और इनका समाधान किया जाना चाहिए। हालांकि, मेरे सभी अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने मंत्रियों, नीति निर्माताओं और अधिकारियों से ‘पॉश’ इलाकों से बाहर निकलने और स्थिति को खुद देखने का आग्रह किया।

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एलजी ने लिखा कि दिल्ली उन साफ-सुथरे और स्वच्छ इलाकों से कहीं बढ़कर है, जहां हममें से कई लोगों को रहने का सौभाग्य मिला है। यह एनडीएमसी और सिविल लाइंस इलाकों से कहीं आगे तक फैला हुआ है। जब हम उस भयावह वास्तविकता का सामना कर रहे हैं, जिसके साथ हमें जीना है, तो मैं सत्ता में बैठे हम सभी लोगों से अनुरोध करूंगा – मंत्री, नीति निर्माता और अधिकारी, जो बड़े पैमाने पर पॉश इलाकों तक ही सीमित हैं – कि वे खुद बाहर आएं और देखें कि उन लोगों की अनदेखी और उदासीनता के कारण जो स्थिति बनी है उससे कैसे पार पाया जाए। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह, मैं शहर में धूल की समस्या को कम करने में आपकी मदद करने के लिए तैयार हूं।

इससे पहले दिन में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सभी हितधारकों के साथ बैठक बुलाने की अपील की थी।