दिल्ली पुलिस ने शनिवार को फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। University Grants Commission (UGC) और National Assessment and Accreditation Council (NAAC) के द्वारा उठाए गए सवालों के बाद यह कार्रवाई की गई है।

दिल्ली पुलिस के एक अफसर ने कहा कि क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी द्वारा झूठी मान्यता को लेकर किए गए दावों पर धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एफआईआर दर्ज की है।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि UGC और NAAC दोनों ने इस यूनिवर्सिटी के कामकाज की समीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों को चिह्नित किया और इसके बाद ही एजेंसियों को कदम उठाना पड़ा।

अल फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता निलंबित

इससे पहले, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के पीछे बड़ी साजिश की जांच के लिए आपराधिक साजिश के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। ​​पुलिस ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।

दो डॉक्टर्स को हिरासत में लिया

इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टर्स समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बताया कि ये डॉक्टर्स लाल किले के पास विस्फोट करने वाली कार के चालक डॉ. उमर नबी को जानने वाले थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुक्रवार रात को हरियाणा के धौज, नूंह और आसपास के इलाकों में छापेमारी के दौरान ये गिरफ्तारियां की हैं।

हरियाणा के मुस्लिम बहुल गांव में है अल-फलाह यूनिवर्सिटी

एनआईए की टीम की सहायता से स्पेशल सेल ने नूंह से अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टर्स- मोहम्मद और मुस्तकीम को हिरासत में लिया। उन्होंने बताया कि ये दोनों आतंकवादी मॉड्यूल की व्यापक जांच के तहत गिरफ्तार किए गए डॉ. मुजम्मिल गनई के संपर्क में थे। सूत्रों ने बताया कि वे डॉ. उमर नबी के भी करीबी दोस्त थे। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि हिरासत में लिए गए डॉक्टर्स में से एक विस्फोट वाले दिन दिल्ली में था।

मोहम्मद एवं मुस्तकीम से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि डॉ. गनई के साथ उनके कितने गहरे संबंध थे और इस साजिश में क्या उनकी कोई भूमिका थी?

क्या है NAAC और कैसे करती है काम?