दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसानों की परेड का समय और रूट किसानों से बातचीत करके ही तय किया गया था पर कुछ किसान रूट से दूसरी जगह जाने लगे। जिसके चलते पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आलोक कुमार ने बताया कि काफी उग्र तरीके से ट्रैक्टरों द्वारा पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की गई। व्यापक पैमाने पर तोड़फोड़ और नुकसान किया गया। काफी उग्र तरीके से ये रैली की गई, इसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसान नेताओं के साथ बातचीत में रूट निर्धारित किए गए थे परन्तु आज सुबह 9:30 बजे एक गुट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और गाजीपुर बॉर्डर के पास पहली झड़प पुलिस के साथ हुई। पुलिस द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ईश सिंघल ने बताया कि आज हुई किसान ट्रैक्टर रैली में हिंसक घटनाएं हुई जिसमें दिल्ली पुलिस के लोग घायल हुए, सरकारी संपत्ति को भी नुकसान हुआ। पुलिस ने संयम के साथ काम किया।
पुलिस ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन से सार्वजनिक संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
वहीं, एनसीपी नेता शरद पवार ने आज की घटना पर कहा कि आज दिल्ली में जो हुआ कोई भी उसका समर्थन नहीं करता परंतु इसके पीछे के कारण को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे थे, भारत सरकार की ज़िम्मेदारी थी कि सकारात्मक बात कर हल निकालना चाहिए था। वार्ता हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला।
इससे पहले आज सुबह किसानों ने पुलिस के लगाए बैरिकेड तोड़ दिए। पुलिस के साथ झड़प के बाद किसान दिल्ली में दाखिल हो गए। किसानों की आज ट्रैक्टर परेड होनी थी। हालांकि इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज भी किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।