केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकारी अधिकारियों को अपने हस्ताक्षर हिंदी में करने की सलाह दी। लेकिन दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी इससे एक कदम आगे निकल गए हैं। उन्होंने अपने पुलिसबल को सारे दफ्तरी कामकाज हिंदी में निपटाने का निर्देश दिया है।

अपने आदेश में बस्सी ने कहा है कि सभी पुलिस अधिकारियों को यह तय करना चाहिए कि 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने के अलावा पुलिसबल पूरे साल अपने सारे कागजी काम हिंदी में निपटाए।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल के लिए हिंदी का प्रयोग अनिवार्य है, वहीं हरियाणा में इसे लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं है।

बस्सी का यह आदेश 11 सितंबर को दिल्ली के सभी 11 पुलिस जिलों में पहुंचा। इसके साथ ही स्पेशल सेल और अपराध शाखा के दफ्तरों में भी पुलिस प्रमुख का यह फरमान पहुंचा। बस्सी के हिंदी में लिखे इस आदेश में कहा गया है, ‘हम भारत की सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हिंदी हमारी मातृभाषा होने के साथ राष्टÑभाषा भी है। यह हमारा कर्त्तव्य है कि हम सारे सरकारी काम हिंदी में करें’।

बस्सी के आदेश में कहा गया है, ‘अगर हम अपने सारे दफ्तरी काम हिंदी में निपटाएं तो आम आदमी भी हमारे काम को और बेहतर समझ सकेंगे। चूंकि हमारा मुख्य लक्ष्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना और आम आदमी की मदद करना है, इसलिए मैं अपने सभी अफसरों और मातहतों से आग्रह करता हूं कि 14 सितंबर, 2015 को हिंदी दिवस मनाने के अलावा पूरे साल सारे सरकारी काम हिंदी में करने की कोशिश करनी चाहिए’।

बस्सी ने अपने सभी अधिकारियों को कहा कि वे अपने मातहतों के साथ सभी काम हिंदी में करें, हालांकि अंग्रेजी के आम शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। पुलिस प्रमुख ने अपनी आगे की योजना बताते हुए कहा-हम उन सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित करेंगे जो हिंदी को आगे बढ़ाएंगे। हम ऐसे अधिकारियों को पुरस्कृत करेंगे।

हिंदी दिवस के मौके पर 14 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकारी अधिकारियों को सलाह दी थी कि अपनी राष्टभाषा को बढ़ावा देने के लिए वे हिंदी में हस्ताक्षर करें।

दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि हिंदी के एक खास क्षेत्र या धर्म तक ही संचार के माध्यम के रूप में सीमित होने की धारणा को यदि आगे बढ़ने दिया जाता है तो यह एक भारी गलती होगी, जिसका दीर्घकालीन असर होगा। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि हिंदी हर उस व्यक्ति की विरासत का हिस्सा है जिसने हिंदुस्तान की विरासत को प्राप्त किया है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, पंथ या क्षेत्र का हो।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि कुछ बेहतरीन साहित्य और कविताएं हिंदी में हैं जिन्हें मुसलिम कवियों और लेखकों ने लिखा था जबकि उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं रही थी।

दिल्ली में पखवाड़ा समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मंत्री ने कहा कि भारत का विकास हिंदी के विकास से जुड़ा हुआ है। यह बहुत ही विरोधाभासी लगता है कि भारत में रहते हुए और भारतीय होते हुए हमें हिंदी पखवाड़ा या हिंदी दिवस मनाने की जरूरत पड़ती है ताकि खुद को हिंदी और इसकी समृद्धि के बारे में याद दिला सके।

उन्होंने कहा कि वे कई अभिभावकों से मिले जो हिंदी के विद्वान थे लेकिन अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजा और अपने बच्चों के हिंदी के बजाए अंग्रेजी में बात करने में गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी को बढ़ावा महज प्रतीकात्मक कार्यक्रमों से नहीं मिलेगा बल्कि हमारी शिक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।