दिल्ली पुलिस ने अवैध रास्ते के ज़रिए बंगलादेशी नागरिकों की कथित तौर पर भारत में एंट्री कराने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए ऐसा करते थे। इनके साथ ही 5 बंगलादेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है।  पुलिस उपायुक्त (दक्षिण दिल्ली) अंकित चौहान ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी दी है। आगे की जांच जारी है। 

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा? 

दिल्ली पुलिस उपायुक्त (दक्षिण दिल्ली) अंकित चौहान ने बताया कि इस मामले में आधार ऑपरेटर और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। उन्होंने जाली दस्तावेज बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई। जंगल के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों के ज़रिए अवैध प्रवासियों की राह आसान की। 

रविवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बाहरी दिल्ली में चलाए गए व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

दिल्ली पुलिस ने 11 दिसंबर को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए अभियान शुरू किया था, जिसके एक दिन बाद एलजी सचिवालय ने दिल्ली में रहने वाले ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।

डीसीपी (दक्षिण पूर्वी दिल्ली) रवि कुमार सिंह ने कहा था कि 13 दिसंबर तक दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 916 लोगों का सत्यापन किया गया और आठ अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें छह बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि उनमें से दो – अब्दुल अहद और मोहम्मद अजीजुल को 10 और 12 दिसंबर को हजरत निजामुद्दीन से भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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दिल्ली पुलिस ने दोनों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के समक्ष पेश किया था। पुलिस ने अवैध अप्रवासियों की पहचान करने के लिए 12 दिसंबर को शाहदरा के न्यू सीमापुरी की ई-44 झुग्गियों में अभियान चलाया था। शाहदरा के पुलिस उपायुक्त प्रशांत प्रिय गौतम ने कहा था कि पुलिस टीमों ने कई झुग्गियों का दौरा किया और आगे की जांच के लिए 32 लोगों के दस्तावेज एकत्र किए।