दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 31 मार्च की मध्यरात्रि तक दिल्ली में धारा 144 लागू करने की रविवार को घोषणा कर दी। यह धारा रविवार रात नौ बजे के बाद से लागू होगी। अब शहर में विरोध प्रदर्शन और अन्य सभाओं पर रोक लग गई है। उधर, जनता कर्फ्यू का असर राजधानी में रविवार को साफ तौर पर दिखाई दिया। कनॉट प्लेस जैसे भीड़भाड़ वाले बाजार अन्य शॉपिंग माल और सभी व्यावसायिक इलाके सहित गली मुहल्लों में भी लोगों ने प्रधानमंत्री की इस अपील को पूरी तरह अमलीजामा पहनाया। इक्के दुक्के गाड़ियां सड़क पर दिखीं।
दिल्ली पुलिस की पीसीआर की गाड़ियों के साथ जिला और अन्य यूनिटों के जवानों और अधिकारियों ने मुस्तैदी से जनता कर्फ्यू को सफल बनाने में पूरी तरह मुस्तैद ही नहीं दिखे बल्कि सड़क पर चल रहे गाड़ियों को रोककर उन्हें गुलाब का फूल देकर घर में रहने का अनुरोध किया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव की ओर से जारी निषेधाज्ञा आदेशों के अनुसार किसी भी तरह के प्रदर्शन, जुलूस के लिए लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। कोई भी सभा-सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षणिक, खेल, संगोष्ठी या सम्मेलन के आयोजन पर प्रतिबंध है। निर्देश में कहा गया है कि दूध, फल, सब्जी और अन्य घरेलू जरूरी सामानों को छोड़कर सभी साप्ताहिक बाजार बंद करने के साथ ही निजी टूर आपरेटरों को भी प्रतिबंधित किया गया है।
पुलिस आयुक्त का कहना है कि अगर किसी को कोविड-19 का संदेह है या पुष्टि हो गई हो तो वे एहतियात बरतते हुए अस्पताल में इलाज के लिए जाएं और अपने घरों में, संस्थान में अलग होकर एहतियात बरतें। अगर धारा 144 का कोई उल्लंघन करते पाया गया तो धारा 188 के तहत उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
उधर, कोरोना के मद्देनजर दिल्ली का दिल कहा जाने वाला कनाट प्लेस का नजारा भी जनता कर्फ्यू के दिन बदल गया। दिल्ली के इतिहास में पहली बार कनाट प्लेस इतना खाली और सूनसान नजर आया। आम दिनों में यहां देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। रात के समय भी यह गुलजार रहता है। रविवार को यहां सिवाय कुछ पशु-पक्षियों के कुछ नहीं दिखा।। सभी दुकानें और रेस्तरां बंद दिखे। सेंट्रल पार्क का वो इलाका जहां दिनभर टिक टॉक बनाने वालों का जमावड़ा लगा रहता था, वह भी आज सूनसान नजर आया।
एतिहासिक लाल किला और चांदनी चौक के बाहर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था लेकिन जनता कर्फ्यू के दिन कुछ ऐसा वहां भी नहीं दिखा। लोगों की भाग दौड़ और भीड़ को दिन-रात झेलने वाला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भी रविवार को बिल्कुल सूनसान दिखा। गिने-चुने कुछ लोग ही अपने सामानों के साथ स्टेशन में नजर आए।
दिल्ली के व्यस्त रहने वाले विकास मार्ग के चाक चौराहों में जहां सुबह से लेकर शाम तक सड़कें जाम से त्रस्त रहती थीं, वहां भी रविवार को पूरी तरह वीरान नजर आया। राष्टÑीय राजमार्ग-58, 24 पर भी जनता कर्फ्यू का साफ असर दिखा। हाइवे इतना सूनसान आज तक कभी नहीं हुआ था जितना जनता कर्फ्यू के कारण रहा। सड़क पर पुलिस के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा था। दिल्ली के कई हाउसिंग सोसायटियों ने पूरी तरह से अपने-अपने हिसाब से बंद की घोषणा कर दी थी।

