दिल्ली में बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान महिला समृद्धि योजना लागू करने का वादा किया था। इसके तहत दिल्ली में महिलाओं को 2500 रुपये महीने दिए जाने थे। हालांकि अभी तक यह योजना लागू नहीं हो पाई है। पात्र लाभार्थियों के डेटा की अनुपलब्धता, समय लेने वाली वेरिफिकेशन प्रक्रिया और ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने में देरी- महिला समृद्धि योजना को लागू करने में देरी के पीछे के कारण बताए जा रहे हैं।
महिलाओं को मिलेंगे 2,500 रुपये
इस योजना के तहत सरकार ने 2.5 लाख रुपये से कम घरेलू आय वाली महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक सहायता देने का वादा किया है। भाजपा ने शुरू में 8 मार्च (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस) तक इस योजना को लागू करने का वादा किया था। हालांकि, समयसीमा बीत जाने के बाद इसे दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी और 5,100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया।
रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
सरकार ने इस योजना की पात्रता मानदंड, मानदंडों और कार्यान्वयन को अंतिम रूप देने के लिए सीएम रेखा गुप्ता और मंत्रियों परवेश साहिब सिंह, कपिल मिश्रा और आशीष सूद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। देरी के कारणों और योजना के अपेक्षित लॉन्च के बारे में पूछे जाने पर सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “मेरा मानना है कि हमारे पास अब तक जो समय है, वह एक विस्तृत और फुलप्रूफ योजना को लागू करने के लिए बहुत कम अवधि है। इसे पूरी तरह से तैयार करने और जनता के सामने पेश करने की जरूरत है।” रेखा गुप्ता ने कहा कि पात्र उम्मीदवारों का वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा और रजिस्ट्रेशन होगा।
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रेखा गुप्ता ने कहा, “जैसा कि मैंने बार-बार कहा है, महिला समृद्धि योजना एक बार की योजना नहीं है। इसका उद्देश्य हर उस महिला तक पहुंचना है जो गरीब परिवार से आती है। हम नहीं चाहते कि एक भी पात्र महिला छूट जाए। हम इसे जल्दबाजी में लागू नहीं करना चाहते है। हम चाहते हैं कि इस योजना को इस तरह से लागू किया जाए कि एक पात्र महिला हर महीने वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सके। एक विस्तृत योजना बनाने पर काम चल रहा है। इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।”
डेटा हब बनाएगी सरकार
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने पात्र उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए डेटा के साथ एक अनूठा डेटा हब बनाने का फैसला किया है। इस डेटा को इकट्ठा करने के लिए विभाग ने अयोग्य उम्मीदवारों को छांटने के लिए राशन कार्ड और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड धारकों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है।
डेटा हब परियोजना को क्रियान्वित करने वाले आईटी विभाग ने अपनी महत्वाकांक्षी एकीकृत डेटा हब (यूडीएच) परियोजना को लागू करने के लिए पायलट आधार पर छह विभागों – महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, राजस्व, एमसीडी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, और श्रम – का चयन किया है। ये विभिन्न विभागों के डेटा को एक ही स्थान पर इकट्ठा करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पात्र लोग ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि 2,500 रुपये की योजना के लिए पात्रता मानदंड तय करने के लिए गठित समिति की पिछले हफ्ते सीएम रेखा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें वार्षिक पारिवारिक आय को 2.5 लाख रुपये तक सीमित करना, योजना को 21 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं तक सीमित करना, प्रति परिवार एक लाभार्थी और वाहन का मालिक न होना है, ये योजना के लिए पात्रता मानदंडों में से हैं। इस पर भी अभी विचार किया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा, “यह योजना नवंबर में होने वाले बिहार चुनाव से पहले लागू होने की संभावना है।”