दिल्ली सरकार की नई एक्साइज नीति की जांच सीबीआई से कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सिफारिश की है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक पालन न होने को लेकर उपराज्यपाल सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
क्या है आरोप:
दिल्ली सरकार पर आरोप है कि उसकी नई आबकारी नीति में कई नियमों की अनदेखी की गई और लोगों को गलत तरीके से टेंडर जारी कर दिए गए। मालूम हो कि एलजी विनय कुमार सक्सेना ने ये सिफारिश दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की एक रिपोर्ट के बाद की है। एलजी सक्सेना के कार्यालय से जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि 8 जुलाई को मुख्य सचिव द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें आबकारी नीति कानून के कई उल्लंघन किए गये और शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित तरीके से टेंडर दिया गया।
बता दें कि दिल्ली में आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। ऐसे में सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद मान जा रहा है कि वो भी इस जांच के दायरे में आ सकते हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि रिपोर्ट शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय लाभ देने का संकेत देती है। बता दें कि आरोप लगाया जा रहा है कि शराब माफिया को 155 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा पहुंचाया गया। उपराज्यपाल ने सिसोदिया पर शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित तरीके से वित्तीय लाभ देने का भी आरोप लगाया।
केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना के बीच तकरार भी बढ़ने के आसार हैं। बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार की कई फाइलों को लौटाने को लेकर दोनों आमने-सामने हुए हैं। वहीं विदेश दौरे पर जाने को लेकर केजरीवाल और एलजी में तकरार की स्थिति बनी है।
वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का दावा है कि वीके सक्सेना केंद्र के निर्देशों पर काम कर रहे हैं। जोकि आप की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान है। पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीएम मोदी और उनकी पार्टी अरविंद केजरीवाल और आप की हालिया चुनावी सफलताओं से ईर्ष्या रखते हैं। ऐसे में हमें रोकने के लिए वो कुछ भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद पंजाब में मिली आप की जीत से बीजेपी और पीएम मोदी घबराए हुए हैं। केंद्र अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में 2016 से काम करने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है।
क्या है दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी:
पिछले साल 17 नवंबर से लागू की गयी दिल्ली सरकार की नई पॉलिसी के अंतर्गत दिल्ली के कुल 272 वार्ड्स में से हर वार्ड में कम से कम शराब की तीन दुकानें होंगी। दिल्ली में अब शराब पीने की कानूनी उम्र 25 साल से 21 साल कर दी गई है। सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय में इसको लेकर तर्क दिया था कि जब 18 साल से ऊपर वोट देने का अधिकार है तो फिर शराब क्यों नहीं पी सकते।
इसके अलावा नई पॉलिसी में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की दुकानों और होटलों में 24 घंटे शराब दी जा सकेगी। इसमें कहा गया था कि शराब की होम डिलीवरी भी हो सकती है। हालांकि इसमें होस्टल, संस्थान या ऑफिस को इससे बाहर रखा गया था। अगर किसी शराब की दुकाना का एरिया 500 वर्ग से कम है कि उसका एरिया बढ़ाया जाएगा।
दिल्ली सीएम और एलजी के बीच तकरार:
बता दें कि 2019 में भी केजरीवाल को विदेश में पर्यावरण के मुद्दे पर बोलने के लिए जाना था लेकिन उन्हें इस यात्रा के लिए पॉलिटिकल क्लीयरेंस नहीं मिल सका था। इसके अलावा हाल ही में उनके द्वारा मांगी गई सिंगापुर यात्रा के लिए भी अनुमति नहीं दी गई।
सीएम केजरीवाल ने कहा था कि विश्व स्तरीय सम्मेलन में दिल्ली मॉडल को पेश करने के लिए सिंगापुर सरकार की तरफ से न्योता मिला है। इसमें दुनिया भर के कई बड़े नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल को पेश किया जाना है। दिल्ली मॉडल को लेकर आज सारी दुनिया जानना चाहती है। ये देश के लिए गौरव और मान की बात है। इसपर दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि यह महापौरों का सम्मेलन है, ऐसे में वहां उनकी मौजूदगी एक ‘खराब मिसाल’ पेश करेगी।