Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में इस बार पूरी राजनीति महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती दिख रही हैं। कौन महिलाओं को अकाउंट में कितने पैसे देगा, कौन महिलाओं को फ्री में एलपीजी सिलेंडर देगा, सारी बात यहां आकर टिक चुकी है। अब एक तरह से महिलाओं का यूं राजनीति के केंद्र में आना अच्छी बात है, लेकिन एक दूसरा पहलू यह भी है कि पार्टियां वोट जरूर उन महिलाओं का चाहती हैं, लेकिन जब चुनाव में उन्हें उम्मीदवार बनाने की बात आती है, सभी कन्नी काट लेती हैं।
दिल्ली में कितनी महिला उम्मीदवार?
इस बार के दिल्ली चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने 9 महिला उम्मीदवारों को उतारा है, कांग्रेस ने 7 को चुनावी मैदान में मौका दिया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने भी 9 प्रत्याशियों को घोषित किया है। बीजेपी की बात करें तो उन्होंने रेखा गुप्ता, पूनम शर्मा, दीप्ति इंदौरा, उर्मीला कैलाश गंगवाल, श्वेता सैनी, नीलम पहलवान, शिखा राय, प्रियंका गौतम और कुमारी रिंकू को उतारा है।
किस पार्टी ने किस महिला को उतारा?
आम आदमी पार्टी की बात करें तो उन्होंने सीएम आतिशी, राखी बिडलान, परमिला टोकस, धनवती चंदेला, बंदना कुमार और सरिता सिंह को उतार रखा है। इसके अलावा पहली बार अंजना पर्चा और पूजा बालियान को भी मौका मिला है। अगर पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब 24 महिला उम्मीदवारों को तीनों ही पार्टी द्वारा उतारा गया था, वहां भी आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा 10 महिलाओं को मौका दिया था।
दिल्ली में कितना है महिला वोट?
2015 के विधानसभा चुनाव में तो हालात और ज्यादा खराब थे, तब सिर्फ 19 महिला प्रत्याशियों को उतारा गया था। अब समझने वाली बात यह है कि तीनों ही पार्टी देश की राजधानी में महिलाओं को टिकट देने से तब बच रही हैं जब उनका वोट शेयर 43 फीसदी से भी ज्यादा बैठता है। इसके ऊपर जनसंख्या में अगर देखें तो दिल्ली में 71,73,952 महिलाएं हैं।
आखिर पार्टियां क्यों कर रहीं भेदभाव?
अब सभी पार्टियां इन्हीं महिलाओं का वोट चाहती हैं, उन्हें पता है कि कई सीटों पर उस समर्थन के बिना जीता नहीं जा सकता। लेकिन बात जब उन्हें चुनाव लड़वाने की आती है, मौका सिर्फ या तो उन महिलाओं को मिल रहा है जिनका परिवार भी राजनीति में है या फिर सिर्फ तब जब कोई बड़ा जातीय समीकरण साधना हो। अगर दिल्ली के महिला वोट को और अच्छे तरीके से समझना है तो यहां क्लिक करें