दिल्ली से जयपुर राजमार्ग (एनएच-8) पर सफर जल्द ही आसान होता नजर नहीं आ रहा है। इस राजमार्ग पर बार- बार परियोजना में आ रही अड़चनों की वजह से मार्ग का प्रयोग करने वाले यात्रियों को घंटों टोल मार्ग पर ही जाम पर फंसना पड़ रहा है। बावल चौक के नजदीक उपरिगामी पुल का काम रुका हुआ है, जो इस राजमार्ग की राह का सबसे बड़ा रोड़ा है। इसके अतिरिक्त मार्ग पर एलईडी के बोर्ड बंद पड़े हैं और तय नियमों के मुताबिक राजमार्ग पर दी जाने वाली जन सेवाएं भी टोल प्लाजा पर उपलब्ध नहीं है।
दिल्ली-जयपुर मार्ग सीधे खाटू श्याम जी (रिंगस) और सालासर बालाजी (सालासर) जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख मार्ग है। इस राजमार्ग का प्रयोग करने वाले वाहन में प्रतिदिन करीब पांच से सात घंटे का समय से भी अधिक समय लगाकर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह से मार्ग पर बावल चौक पर फंसा उपरिगामी पुल का निर्माण कार्य है।
करीब दो साल से इसका निर्माण कार्य फंसा है, जो इस टोल मार्ग पर जाम की बड़ी वजह है। इसके अतिरिक्त मार्ग पर पड़ी निर्माण सामग्री इलाके में प्रदूषण की वजह बन रही है। इस मार्ग में शाहजहांपुर के टोल मार्ग के बाद ही सफर आसान होता है।
दिल्ली जयपुर मार्ग पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बावल चौक पर एकउपरिगामी पुल का निर्माण किया जाना है। करीब दो साल तक यह काम बंद रहा है। अब निर्माण कार्य धीमी रफ्तार से चल रहा है। मार्ग में जगह- जगह मलबे के ढेर हैं। वाहन चालक टोल शुल्क देने के बाद भी टोल मार्ग जैसी सुविधाएं प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं।
यह उपरिगामी पुल एनएच आठ का मार्ग है और इसका निर्माण पूरा हो जाने से मार्ग पर हादसे कम होंगे। इस पुल के निर्माण पर करीब 23 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, लेकिन लगातार हो रही देरी की वजह से अब इसकी लागत में इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है। परियोजना के तहत ही आइएमटी मानेसर, बिलासपुर चौक ओर कापड़ीवास के साथ साथ सड़क लाइनें विस्तार ओर धारूहेड़ा बाइपास के विस्तार का कार्य भी शामिल है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च 2022 में इस मार्ग की विस्तार योजनाओं की आधारशिला रखी थी। यह दिल्ली से जयपुर जाने वाला एक व्यस्ततम मार्ग है। यह उन तीन पुलों में से एक है, जिन्हें नितिन गडकरी ने वर्ष 2015 में ही शुरू करने का निर्णय लिया था, लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से लंबे समय तक इसका निर्माण कार्य लटका रहा।
दिवाली पर कैसे जाएं घर? नोएडा से गोरखपुर का किराया 3500, लखनऊ के लिए देने होंगे 4000 रुपये
इस मार्ग में ही शाहपुर में एक पुलिया निर्माण का भी कार्य किया जा रहा है, जो कि सुरपुरा से ठीक पहले जयपुर के पास आती है। इस वजह से टोल मार्ग के रूट में बदलाव किया गया है। इसके अतिरिक्त रिंगस के पास भी मार्ग को चौड़ा करने का कार्य किया जा रहा है। राजमार्ग पर वाहनों की निगरानी रखी जा सके, इसके लिए मंत्रालय की ओर से एलईडी स्क्रीन बोर्ड की सुविधा शुरू की गई थी। लेकिन ये स्क्रीन बोर्ड इस राजमार्ग पर दिल्ली के नजदीक से ही जगह- जगह बंद पड़े हैं और रघुनाथपुरा राजस्थान तक इसका ऐसा ही हाल है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश के विभिन्न टोल मार्ग को यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के आदेश जारी किए थे। इसके तहत नए टोल मार्ग जैसे मथुरा मार्ग की तर्ज पर यात्रियों के लिए टोल प्लाजा पर ही पानी, शौचालय समेत अन्य सेवाएं विकसित की जानी थी। जयपुर मार्ग पर ये सेवाएं बदहाल हैं।