दिल्ली उच्च न्यायालय ने फेसबुक, गूगल और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया वेबसाइटों को एक वीडियो ब्लॉग हटाने के लिए कहा है जिसमें पतंजलि आयुर्वेद के आटाब्रांड की कथित तौर पर बुराई की गई है। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने अंतरिम आदेश में तीनों वेबसाइटों को उस वीडियो ब्लॉग से जुड़े लिंक्स एवं सामग्रियों को हटाने का निर्देश दिया। न्यायालय ने नोटिस जारी कर यह भी पूछा है कि ब्लॉग तथा उसका यूआरएल जिस व्यक्ति के नाम पर दर्ज है उसकी पहचान का खुलासा किया जाए। उच्च न्यायालय ने मामले को 15 मई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। यह निर्देश पतंजलि की याचिका की सुनवाई के बाद आया है। याचिका में मांग की गई थी कि तमिल भाषा में बनाए गए उस वीडियो को हटाया जाए जिसमें पतंजलि के आटा समेत आईटीसी के आटा को कथित तौर पर खराब बताया गया है।

पतंजलि ने याचिका में कहा कि दोनों ब्रांडों के आटा को वीडियो में रबर बताया गया है। पतंजलि के वकील राजीव नायर ने न्यायालय को बताया कि आईटीसी पहले ही बेंगलुरु की एक अदालत से इस मामले में स्थगन आदेश ले चुकी है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने तीनों वेबसाइटों को सूचित किया था और वीडियो ब्लॉग एवं उसकी सामग्री हटाने को कहा था। उनके द्वारा ऐसा नहीं किए जाने पर याचिका दायर करने की जरूरत पड़ी।

उल्लेखनीय है कि भारत को आध्यात्मिक महाशक्ति बनाने के लिए योग गुरू रामदेव ने 25 मार्च को रामनवमी पर एक नई पहल में पतंजलि द्वारा तैयार किए गए करीब 90 संन्यासियों को ”दीक्षा” प्रदान की। धर्मनगरी (हरिद्वार) में गंगा तट पर रामदेव ने स्वयं 51 संन्यासियों तथा 39 संन्यासिनों को ”दीक्षा” प्रदान की। इस दौरान दीक्षा लेने वाले संन्यासियों के परिवार के लोग भी उपस्थित थे।

संन्यासी जीवन में संन्यासियों का स्वागत करते हुए योग गुरु ने कहा कि संत बनने और स्वयं को राष्टसेवा के लिए सर्मिपत करने से ज्यादा आनंददायक कुछ और नहीं हो सकता। उन्होंने संन्यासी बन गये अपने शिष्यों के परिवारों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपने बच्चों को राष्ट सेवा के पुनीत कार्य के लिए सर्मिपत कर दिया। पतंजलि के परिसर में रिषिग्राम में बनी लकड़ी की यज्ञशाला में गत 21 मार्च से हवन और यज्ञ जैसे अनुष्ठान चल रहे थे और गंगा घाट पर योग गुरू और उनके सहयोगी बालकृष्ण की देखरेख में संन्यासियों को दीक्षा दी गई।