NDMC के कर्मियों और टीचर्स को सैलरी न मिलने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रुख दिखाते हुए कहा है कि कॉरपोरेशन अपनी संपत्तियों का खुलासा करे। कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो हम प्रॉपर्टी को अटैच करना शुरू कर देंगे।

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि कॉरपोरेशन अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा एक हलफनामे में दे। वो ये भी बताए कि उसके कितवने बैंक अकाउंट हैं और उनमें कितना पैसा है। हाईकोर्ट का कहना है कि सैलरी और पेंशन एक मूल अधिकार है। NDMC के कर्मी इसके लिए पूरी तरह से हकदार हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर उसके आदेश की पालना नहीं की गई तो इस मामले में कड़ा कदम उठाया जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कॉरपोरेशन की होगी। कोर्ट ने य़े बात सैलरी और पेंशन को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कही।

बेंच ने कहा कि साउथ और ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने अपने कर्मियों को सैलरी, पेंशन का भुगतान कर दिया है। अब समस्या केवल नार्थ दिल्ली कॉरपोरेशन को लेकर है। NDMC के वकील दिव्य प्रकाश पांडेय ने कहा कि हेल्थ केयर सेक्टर से जुड़े कर्मियों को अप्रैल 2021 तक का भुगतान कर दिया गया है। मई का पैसा अभी दिया जाना है। इनके अलावा कॉरपोरेशन के जो कर्मी हैं उन्हें मार्च 2021 तक की सैलरी का भुगतान किया जा चुका है। जबकि पेंशन के मामले में फरवरी तक के ड्यूज क्लियर किए जा चुके हैं।

कोर्ट ने कहा कि फंड की कमी कॉरपोरेशन की समस्या है। इससे कर्मियों का कोई लेनादेना नहीं है। ये नहीं चल सकता। जो कर्मी नौकरी पर हैं उन्हें पैसा न दिया जाना वाकई हैरत भरा है। कोर्ट ने कहा कि अगर फंड नहीं है तो उन्हें काम पर रखिए जो जरूरी हैं। NDMC के वकील दिव्य प्रकाश पांडेय ने कहा कि समस्या के बारे में केंद्र सरकार को भी अवगत कराया जा चुका है। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को की जाएगी। उस दौरान तक कॉरपोरेशन को हलफनामे के जरिए अपनी संपत्तियों और अकाउंट का ब्योरा कोर्ट को देना होगा।