एस्सार ग्रुप पर लगे फोन टेपिंग के आरोपों की सुनवाई कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट ने शिकायत करने वाले सुरेन उप्पल से शुक्रवार (24 जून) को कहा है कि वह सारे सबूत गृह मंत्रालय को सौंप दें। कई बड़े नेताओं और VVIP की रिकॉर्डिंग के जुड़े यह सबूत एक सील पैक पैकेट में मंत्रालय को सौंपे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट सोमवार (27 जून) को एक और याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें यह केस स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को सौंपने की मांग की गई है।

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इस केस की सुनवाई जस्टिस मृदुल को करनी है। जस्टिस मृदुल मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले का केस भी देख रहे हैं। मृदुल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वकील उप्पल ने 1 जून को पीएमओ ऑफिस में शिकायत की थी कि एस्सार ग्रुप 2001 से लेकर 2006 के बीच कई बड़े लोगों की जासूसी करवा रहा था। इसमें तब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुरेश प्रभु, अनिल अंबानी जैसे लोग शामिल थे। उप्पल ने दावा किया था कि उन्हें यह जानकारी एस्सार ग्रुप के ही एक पूर्व कर्मचारी ने दी थी। हालांकि, उस कर्मचारी ने उप्पल के दावों को झूठा बताते हुए उप्पल पर भी आरोप लगा दिए थे।

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शुक्रवार को हुई सुनवाई में ही सारे दस्तावेज सुरक्षा के लिहाज से गृह मंत्रालय में रखने का फैसला हो गया था। कोर्ट में उप्पल ने कहा था कि वह सोमवार को सारे दस्तावेज मंत्रालय के अधिकारी को सौंप देंगे। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि उनके पास लगभग 20 सीडी हैं जिनमें केस से जुड़े सबूत हैं। इसके साथ ही उन्होंने कुछ और दस्तावेज होने की भी बात की है।

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उप्पल की तरफ से यह सबूत दिखाए गए थे।