दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में गुजरात की तर्ज पर विषय आधारित वनीकरण विकसित करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर पर्यावरण एवं वन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की भी सहायता ली जाएगी। इस योजना को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए दिल्ली सरकार के वन विभाग के अधिकारियों का एक दल गुजरात का दौरा करेगा।
अधिकारियों का यह दल विषय आधारित वनीकरण विकसित करने की पद्धतियों का गहन अध्ययन करेगा। दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों दिल्ली रिज क्षेत्र के लिए हरित कार्य योजना और सौंदर्यीकरण को लेकर एक अहम बैठक की थी। इस बैठक में गृह सचिव की ओर से दिल्ली सरकार को निर्देश दिए गए कि विषय आधारित वनीकरण विकसित करने के लिए गुजरात का दौरा किया जाए।
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सूत्रों के अनुसार, गुजरात दौरे पर जाने वाले अधिकारियों के दल को वहां विकसित किए गए विषय आधारित वनों का गहन अध्ययन करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र की ओर से बताया गया कि गुजरात में विकसित राशि वन, नक्षत्र वन और तपोवन जैसे विषय आधारित वन इसके प्रमुख उदाहरण हैं। दिल्ली सरकार के अधिकारी गुजरात सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ इन वनों के विकास, रखरखाव और उनके पर्यावरणीय प्रभावों पर विचार-विमर्श करेंगे।
केंद्र ने दिल्ली सरकार को जलाशयों आदि को विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं, जिसके लिए विशेषज्ञों की सहायता लेने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली भर में 1,000 से अधिक जलाशय हैं, जिनमें सबसे अधिक दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधीन हैं।
पर्यावरणविद् डॉ. मनु सिंह का कहना है कि केंद्र और दिल्ली सरकार का यह प्रयास सकारात्मक हो सकता है, बशर्ते इसे वैज्ञानिक मूल्यों को ध्यान में रखकर लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि गुजरात और दिल्ली की भौगोलिक परिस्थितियों में बड़ा अंतर है, इसलिए विषय आधारित वनीकरण में प्रकृति को केंद्र में रखना बेहद जरूरी है। यदि इसे केवल पर्यटन के नजरिये से विकसित किया गया, तो यह अपने मूल उद्देश्य से भटक सकता है। उन्होंने इस पहल में वन्यजीव विशेषज्ञों को शामिल करने पर भी जोर दिया। इस पूरे मामले पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि उन्हें इस बैठक या योजना के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
