केंद्र सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाली है लेकिन इससे पहले 2012 दिल्ली गैंररेप के दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। दिल्ली की एक कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में एक नया डेथ वारंट जारी किया है। डेथ वारंट में दोषियों को फरवरी की पहली तारीख को अहले सुबह 6 बजे फांसी देने की बात कही गई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोषियों में से एक की याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में दोषी ने 22 जनवरी को तय की गई तय की गई फांसी की तारीख को टालने की बात कही थी। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने कोर्ट को सूचित किया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को दोषी की दया याचिका को खारिज कर दिया है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया। दोषी ने इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के क्यूरेटिव याचिका खारिज करने के बाद राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की कोर्ट से मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की मांग की थी।
बता दें कि इससे पहले मामले में पहला डेथ वारंट 7 जनवरी को जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दे दी जाए। उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2012 के दिन इन दोषियों ने 23 वर्षीय पैरामडेकिल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया था। छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। अब करीब 8 साल बाद दोषियों को फांसी पर लटकाया जा रहा है।
मामले में नया मोड़: इस मामले में एक नया मोड़ भी आया है। एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। कोर्ट ने घटना के वक्त दोषी के नाबालिग होने का दावा करने वाली याचिका को खारिज किया हुआ है। हाई कोर्ट के इस फैसले को दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दोषी की तरफ से उसके वकील ने यह याचिका दायर की है।