महेश केजरीवाल

बुधवार सुबह जब नींद खुली तो चारों तरफ पानी ही पानी दिखा। पांच फीट तक पानी भर गया है अब समझ में नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा। हमारे कई मवेशी पानी में फंसे हुए हैं। यह कहना है शास्त्री पार्क के तीसरा पुश्ता में रहने वाले सुलेमान का। उन्होंने कहा कि डर के कारण बच्चों व महिलाओं को छत पर पहुंचा दिया है।

हम खाने-पीने के इंतजाम में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सामान और मवेशियों को बचाने के लिए प्रशासन की ओर से गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। बच्चे और महिलाएं अभी भी घरों की छतों पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा बाढ़ में घिरे घरों के बीच उनके सामने जिंदगी बचाने की जंग शुरू हो गई।

यमुना बाजार में सालों से रह रहे बुजुर्ग मोहन झा कहते है कि मंगलवार को सब कुछ ठीक था। बुधवार को एकाएक बाढ़ के पानी से घर का निचला हिस्सा डूब गया। पांच फुट तक पानी भर गया है अब समझ में नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा। खाने-पीने तक की समस्या हो गई है। बाढ़ के पानी में घिरे घरों में काफी सामान फंसा हुआ है। मोहन झा ने पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से भी हमारे सामान को निकालने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

वहीं शास्त्री पार्क में रहने वाले अनवर ने कहा कि घरों से लेकर रास्ते में कंधे तक पानी भरा गया है। प्रशासन ने बिजली काटकर और मुसीबत बढ़ा दी है। अभी तक प्रशासन से कोई राहत नहीं मिली है। यमुना के निचले हिस्से में जलस्तर बढ़ने से बड़ी संख्या में लोग पानी में फंस गए। बच्चे व बड़े घंटों छत पर खड़े होकर मदद का इंतजार कर रहे हैं। यही नहीं धान की रोपाई के दौरान बच्चे व महिलाएं फंस गए।

वहीं, बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन, गुरुद्वारा समितियां से लेकर राजनीतिक दल भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच गए हैं। उन्होंने राहत शिविर लगाकर खाने-पीने के इंतजाम के अलावा सहायता समूहों की ओर से चिकित्सा शिविर भी लगे दिए हैं। इनमें लोगों के लिए मुफ्त में इलाज की व्यवस्था की जा रही है।

हालांकि, अधिकतर स्थानों पर यह इंतजाम नहीं हो पाए, जबकि सोमवार शाम तक यमुना खादर में तमाम झुग्गियां डूब गर्इं और यमुना के किनारे लोगों के घरों में पानी भरने से लोग नाराज भी दिखें। कई स्थानों पर यह इंतजाम नहीं होने के कारण लोग झुग्गी छोड़ कर सड़कों के किनारे खुले आसमान में दिखें अभी भी सैकड़ों लोग अंदर फंसे हुए हैं बहुत सारे जानवर फंसे हुए हैं। कई जगहों पर सीढ़ियों, बुलडोजर से लेकर नावों से लोगों को निकालते देखा गया।