देश की राजधानी दिल्ली कई सालों बाद फिर बाढ़ की चपेट में है। कई निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं, स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है, कई रास्ते बंद चल रहे हैं और जमीन पर स्थिति विस्फोटक बनी हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र को चिट्ठियां लिख रहे हैं, बीजेपी आप सरकार पर आरोप मढ़ रही है और आम जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है। किसी का घर छिना, किसी का काम छूटा, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा के दौरान राजनीति चरम पर चल रही है।
लोग परेशान, सियासत फुल स्पीड से जारी
मूसलाधार बारिश से दिल्ली में उफनती यमुना में बृहस्पतिवार को जलस्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया है। लालकिले और आईटीओ जैसी जगहों समेत कई भवनों में पानी घुस गया है। हालात ऐसे बने हुए हैं कि लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं, पहली बार दिल्ली की सड़कों पर नाव चल रही है। इस सब के बावजूद भी लोगों की मदद करने से पहले आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसी वजह से दिल्ली सरकार हरियाणा की बीजेपी सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ सीएम खट्टर भी अपने राज्य को भूल अरविंद केजरीवाल को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में बाढ़ वाली स्थिति को लेकर सीएम केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। उस पत्र में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हथिनीकुंड से सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े। दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन होना है, ऐसे में अगर दिल्ली में बाढ़ आती है तो इससे दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। अब केजरीवाल के इस पत्र का जवाब जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने बड़े ही तल्ख अंदाज में दिया।

उनकी तरफ से कहा गया कि हथिनीकुंड कोई डैम नहीं है, ऐसे में वो सिर्प सीमित मात्रा में ही पानी जमा कर सकता है। मंत्री ने ये जरूर कहा था कि गुरुवार को दोपहर दो बजे तक यमुना का जलस्तर नीचे आने लगेगा क्योंकि सुबह 10 बजे तक अधिकतम पानी पहले ही छोड़ा जा चुका था। अब केंद्रीय मंत्री के जवाब के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आप सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगा दिया कि पिछले आठ सालों में कोई काम नहीं किया गया. मालवीय ने कहा कि दिल्ली में इस समय जो बाढ़ आई है, उसके लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। इस सरकार ने ना सीवर लाइन कभी साफ करवाई और ना ही यमुना की सफाई पर ध्यान दिया।

मदद के नाम पर भी आरोप-प्रत्यारोप
अब बाढ़ की स्थिति को लेकर तो राजनीति हो ही रही है, इसके अलावा राहत शिविरो पर भी सियासत देखने को मिल रही है। बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी अब लोगों की मदद करने से भी रोक रही है। बीजेपी नेता हरीश खुराना ने ट्वीट कर लिखा कि पॉलिटिक्स अपने निम्न स्तर पर। बीजेपी के कार्यकर्ता लोगो की सेवा कर रहे है लेकिन केजरीवाल की सरकार उन राहत फ़ूड रिलीफ कैम्प को यह कह कर हटा रही है की अभी आतिशी जी ने यहाँ आना है इसलिए यहाँ से अपना शिविर हटा लो। केजरीवाल को सिर्फ़ फोटो ऑप करवानी है और कुछ नहीं।
स्कूल-कॉलेज बंद, नोएडा के लिए भी बड़ा फरमान
वैसे दिल्ली में आने वाले दिनों में भी बाढ़ से राहत मिलती नहीं दिख रही है। इसी वजह से रविवार तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अलावा बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए नोएडा में भी स्कूलों बंद रखने का आदेश दे दिया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश जारी कि शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर के कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे।
अभी के लिए DDMA की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। गैर जरूरी ऑफिसों में भी रविवार तक छुट्टी कर दी गई है। सभी प्राइवेट ऑफिस को कहा गया है कि वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दें। कुछ दिन पहले गुरुग्राम में भी निजी कंपनियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया गया था। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में तो बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन हिमाचल में अगले दो दिन भारी बारिश हो सकती है।