दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने हाल ही में कहा कि दिल्ली में अभी बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में कहा कि पिछली सरकार की गलतियों के बाद भी बीजेपी सरकार दिल्ली की जनता पर बिजली के दामों का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने देगी। हमारी सरकार बिजली की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सदन में बिजली की दरों को लेकर प्रश्नकाल के दौरान आप विधायक मुकेश अहलावत ने बिजली की दरों पर लगने वाले पावर परचेज एग्रीमेंट शुल्क को लेकर सवाल पूछा था। इसी दौरान इमरान हुसैन ने पूरक सवाल में बिजली दरों की बढ़ोत्तरी पर सवाल पूछा। इस पर जवाब देते हुए आशीष सूद ने कहा कि हम जनता को भरोसा दिलाते हैं कि जनता पर बिजली दरों का कोई भार नहीं बढ़ेगा।
दिल्ली में बिजली की कीमतों में नहीं नहीं होगी बढ़ोत्तरी
एएनआई के अनुसार, इससे पहले दिल्ली के बिजली मंत्री ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बिजली की कीमतों में संभावित बढ़ोत्तरी का संकेत दिया था। उन्होंने इसकी वजह आप सरकार द्वारा छोड़े गए डिस्कॉम के 27,000 करोड़ रुपये के कर्ज को बताया था। ऊर्जा मंत्री सूद ने कहा था कि बकाया राशि वसूलने के लिए डिस्कॉम को दरें बढ़ाने का अधिकार है। मंत्री ने कहा था कि पिछली सरकार ने डीईआरसी के माध्यम से डिस्कॉम पर रेगुलेटरी एसेट्स का 27 हजार करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ा है। इसे वसूलने के लिए कंपनियों को बिजली की दरें बढ़ाने का अधिकार दिया गया है।
आशीष सूद ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पावर कट को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल झूठी बयानबाजी कर दिल्ली की जनता में भय का माहौल बना रहे हैं। मंत्री ने कहा कि जनवरी 2025 में 3278 बार एक घंटे से ज्यादा बिजली कटी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में भी हजारों बार पावर कट होते थे।
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ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि जगतपुर एक्सटेंशन में पावर कट की समस्या अस्थायी थी और वहां बिजली व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त कर दी गई है। एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान आशीष सूद ने बताया, ”दिल्ली में पावर कट पर नजर रखने के लिए एक 24 घंटे का कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिसके जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि किस फीडर पर लोड ज्यादा है और कैसे बैलेंस किया जाए।”
नई सरकार बनते ही दिल्ली की बिजली व्यवस्था की समीक्षा की गई- आशीष सूद
मंत्री ने कहा, ”जैसे ही नई सरकार बनी, प्राथमिकता के आधार पर दिल्ली की बिजली व्यवस्था की समीक्षा की गई। गर्मियों में बिजली की मांग 9000 मेगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है, जिसे पूरा करने के लिए सभी बिजली कंपनियों से पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) की जानकारी ली गई है।” उन्होंने कहा कि DERC को भी पत्र लिखकर धारा 108 के तहत पावर परचेज एग्रीमेंट की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी बिजली को लेकर झूठ फैला रही
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा, ‘अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी बिजली को लेकर झूठ फैला रही है ताकि अपनी राजनीति चमका सकें। हर साल गर्मियों से पहले लाइनों की मरम्मत के लिए बिजली बंद की जाती है, यह कोई नई बात नहीं है। अरविंद केजरीवाल जी केवल भाषण देने के लिए सदन में आते थे, उन्हें वास्तविक स्थिति की कोई जानकारी नहीं होती। केजरीवाल बिजली विभाग की जमीनी सच्चाई से अनजान हैं क्योंकि वह कभी प्रशासनिक कामों में रुचि नहीं लेते थे। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स