दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार दो चीजे पहली बार होंगी। 2917 वोटरों का उनके घर पर मतदान होगा। आठ फरवरी को चुनाव आयोग की टीम जाएगी और उनका वोट दिलवाएगी। दूसरा, दिल्ली के 11 मतदान केंद्रों पर वोट विदेशों की तर्ज पर होंगे। इन केंद्रों पर ‘क्यूआर’ कोड के जरिए भी मतदान की सुविधा मिलेगी। वोटरों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होगी। प्रयोग के तौर पर चुनाव आयोग ने अपने हर जिले में एक मतदान केंद्र को इसके लिए तैयार किया है। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉक्टर रणबीर सिंह ने इसकी पुष्टि की।
डॉक्टर रणबीर सिंह के मुताबिक चुनाव आयोग ने फार्म 12 (डी) के जरिए दिल्ली में एक सर्वे किया। आयोग अपने उन मतदाताओं की जानकारी चाह रहा था जो चल फिर सकने में अक्षम हैं। रोग ग्रस्त या बिस्तर से न उठ सकने वाले दिव्यांग या अति वरिष्ठ नागरिक हैं। इसमें तीन हजार से ज्यादा लोग सामने आंए। उनकी स्थिति की जांच की गई। 2019 लोग ऐसे पाए गए जो किसी न किसी वजह से अपने मतदान केंद्र पर आ नहीं सकते हैं। और वे मतदान करना चाहते हैं। लिहाजा तय किया गया कि चुनाव में लगे अधिकारी उनके घरों पर जाकर उनका मतदान कराएंगे।
इसके अलावा तकनीकी रूप से केंद्रो और वोटरों को मतदान के लिए सक्षम बनाने की दिल्ली में हुई पहल इस बार प्रयोग के तौर पर आजमाया जा रहा है। आगे इसे ज्यादातर और फिर सभी केंद्रों पर लागू किया जाएगा। इसके लिए तय किए गए मतदान केंद्रों पर वोटरों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी गई है। बाकि केंद्रो पर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। वोटर क्यूआर कोड से स्कैन होंगे। वे मतदान करेंगे। यह सुविधा फिलहाल कुछ चुनिंदा केंद्रों पर उपलब्ध होगी।
दिल्ली के 498 ऐसे वोटर हैं जो इस समय देश से बाहर हैं। उनके मतदान के लिए भी आयोग की ओर से विशेष व्यव्साथा की गई है। वे डाक के जरिए वोट करेंगे। इसके अलावा 80 साल के उम्र से ज्यादा वाले वे वोटर जो अपने मतदान केंद्र कर पहुंचने के लिए कैब चाहते हैं, उन्हें यह सुविधा आयोग दे रहा है। इसके लिए दिल्ली निवार्चन आयोग कैब का इंतजाम कर रही है। यह सुविधा लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों को चुनाव आयोग के हेल्पलाइन नंबर 1950 पर बात करनी होगी। उन्हें दो फरवरी तक कैब की मांग वाली जानकारी 1950 या आयोग के बेवसाइट के जरिए उनतक पहुंचानी होगी।
