दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन के कई दल लगातार कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ लड़ते होते तो नतीजे अलग होते और बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापस न लौटती। अब इस मसले पर कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता संदीप दीक्षित ने प्रतिक्रिया दी है।
संदीप दीक्षित ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “मुझे ये नहीं मालूम कि उन्हें दिल्ली की क्या खबर है और क्या नहीं, दिल्ली ने किसी को हराया नहीं है, दिल्ली के केजरीवाल को बतौर मुख्यमंत्री हटाया है। हम साथ लड़ते तो और भी बुरा हश्र होता। ये मैं उनको बता देता हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि ये लोग दिल्ली को जानते नहीं हैं। दिल्ली की जनता ने तय कर लिया था कि अरविंद केजरीवाल को हराना है। सात, आठ – दस पार्टियां भी उनके साथ लड़ लेतीं तो भी वो हारते, उनका हारना तय था, निश्चित था। आप अगर चाहते थे कि वो सही रास्ते पर आएं तो उन्होंने कहते कि उन्होंने जो कुकर्म किए हैं पिछले तीन साल में वो न करते।”
‘साथ लड़ने से खराब सरकार दोबारा नहीं चुन जाएगी’
संदीप दीक्षित ने केजरीवाल के ऊपर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से वो कांग्रेस के हमारे नेताओं को गाली देते थे, वो देना बंद कर देते। जिस तरह से उन्होंने शराब में उल्टे-सीधे काम किए, शीश महल में उल्टे सीधे काम किए, दिल्ली की सड़कों को बर्बाद किया, वो न करते। उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के ऊपर वोट पड़ा है। साथ लड़ने से ये थोड़ी होता है कि खराब सरकार दोबारा चुन जाएगी।
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कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर क्या कहा?
कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के सवाल पर संदीप दीक्षित ने कहा कि हमारे कैंपेन से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ माहौल तो बना लेकिन जब हम प्रचार कर रहे थे तब वोटर हमसे पूछ रहे थे कि आप तो 2024 में एक साथ चुनाव लड़ चुके हैं, हम कैसे मान लें कि दोबारा साथ नहीं जाएंगे। लोग ऐसा विकल्प खोज रहे थे, जहां उन्हें गलती से भी अरविंद केजरीवाल का चेहरा न दिख जाए। इतनी घृणा और इतनी नफरत अरविंद केजरीवाल के खिलाफ वोटरों में हो गई थी। शायद हम भी ये बात नहीं पढ़ पाए और लोगों ने उनकी परछाई में हमें भी आगे-पीछे देखा।
संदीप दीक्षित ने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की दूसरी वजह दलित और मुस्लिम वोट न मिलना बताया। उन्होंने कहा कि ये वोटर हमारे साथ थे लेकिन नहीं चाहते थे कि वोटों का बिखराव हो, इसलिए ये आम आदमी पार्टी के साथ चले गए वरना 22 सीटें छोड़िए आम आदमी पार्टी की 10-12 सीटें भी न आतीं।